देश भर में डॉक्टरों का प्रदर्शन, एम्स के डॉक्टरों ने दी ममता सरकार को चेतावनी


BJP and Mamata are giving political colors to the doctors: PMSF

 

बंगाल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगों के समर्थन में कल देश भर में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किए. इसी कड़ी में आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) और राज्य स्तर पर तमात रेजिडेंट डॉक्टरों के समूहों ने 14 जून को प्रदर्शन किए. एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एशोसिएशन ने पश्चिम बंगाल सरकार को चेतावनी दी है कि अगर अगले 48 घंटों में बंगाल की डॉक्टरों की मांग नहीं मानी जाती है तो वो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे.

इससे पहले कल कलकत्ता हाई कोर्ट ने एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर की पिटाई के बाद राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के संबंध में जानकरी मांगी है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने ममता बनर्जी से मामले में डॉक्टरों से बात करने और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सही रवैया अख्तियार करने को कहा.

बंगाली सिनेमा के जानी मानी निर्देशक और अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत कई हस्तियां कल यहां डॉक्टर से समर्थन में आईं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि वो एक बार शांति से इन डॉक्टरों की शिकायतें सुनें और उसे पूरा करें.

बंगाल के डॉक्टरों की मांगे हैं-

– मामले में मुख्यमंत्री छात्रों से बात करें और 10 जून को हुई घटना की निंदा करें. मुख्यमंत्री अपने 13 जून को एसएसकेएम कॉलेज में दिए बयान को वापस लें.
– मामले में सभी दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई (उनके नाम, गिरफ्तारी की जानकारी, आईडी, तारीख आदि) के दस्तावेज पेश किए जाएं.
– बर्दवान मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, एनआरएसएमसीएच और दूसरे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर की सुरक्षा में पुलिस की ओर से हुई चूक की जानकारी पेश की जाए.
– पश्चिम बंगाल के सभी डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के खिलाफ दर्ज सभी केस और शिकायतों को बिना शर्त रद्द किया जाए.

कल इसी संबंध में अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार को 10 जून को एनआरएस मेडिकल कालेज अस्पताल, कोलकाता में कनिष्ठ डॉक्टरों पर हमला करने वाले हमलावरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुए चार दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के प्रति हिंसा को रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने का आग्रह किया.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के मद्देनजर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. हड़ताल के चलते दिल्ली, केरल, हैदराबाद, बैंगलुरू, उत्तराखंड, भोपाल समेत कई राज्यों के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों में नियमित सेवाएं रद्द रहीं, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा.


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