दिल्ली हिंसा: सैंडर्स और वॉरेन ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमले की आलोचना की


bernie sanders and elizabeth warren criticize violence against peaceful protesters in delhi violence

 

उत्तरपूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. इस क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल दो प्रमुख उम्मीदवारों बर्नी सैंडर्स और एलिजाबेथ वॉरेन ने भी टिप्पणी की है.

बर्नी सैंडर्स ने ट्वीट करते हुए इस मामले में ट्रंप सरकार को मानवाधिकारों की रक्षा करने में विफल बताया है और इस हिंसा को मुसलमान विरोधी बताया है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘बीस करोड़ से ज्यादा मुसलमान भारत को अपना घर मानते हैं. मुसलमान विरोधी चौतरफा हिंसा में कम से 27 लोग मारे जा चुके हैं और कई घायल हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है. यह मानवाधिकारों की रक्षा करने में उनके नेतृत्व की विफलता है.’

वहीं एलिजाबेथ वॉरेन ने हालात पर चिंता जताते हुए ट्वीट किया, ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत जैसे अपने लोकतांत्रिक सहयोगियों के साथ अपने संबंध मजबूत बनाएं. लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी समेत दूसरे मूल्यों के लिए आवाज उठाने के लिए भी हमें समर्थ होना चाहिए. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा को कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता.’

इससे पहले 26 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने दिल्ली हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा था, ‘दिल्ली में जारी हिंसा और मुसलमानों के खिलाफ, उनके पूजा स्थलों, घरों और दुकानों पर हमले अत्यधिक परेशान करने वाले हैं. सरकार की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना है चाहे वो किसी धर्म का हो.’

भारत के विदेश मंत्रालय ने आयोग की इस टिप्पणी को तथ्यात्म रूप से गलत, भ्रामक और मामले को राजनीतिक रंग देने वाला बताया है.

वहीं भारत दौरे पर आए ट्रंप से जब दिल्ली में हिंसा के बारे में 25 फरवरी को सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि वे हिंसा से अवगत हैं लेकिन इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई बात नहीं की.


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