अमेरिका समेत पूरे विश्व में वैकल्पिक राजनीति का चेहरा हैं बर्नी सैंडर्स
2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दौड़ में अब कुल 12 उम्मीदवार रह गए हैं. यह संख्या शुरू में 25 तक थी. इनमें सबसे चर्चित चेहरे के तौर पर बर्नी सैंडर्स उभर रहे हैं.
हाल ही में बर्नी सैंडर्स की बढ़ती लोकप्रियता ने मीडिया और राजनीतिक एस्टैब्लिशमेंट के विभिन्न हिस्सों में चिंता और घबराहट सी बिखेर दी है. एक के बाद एक पोल इस बात की पुष्टि भी कर रही है कि वो अमेरिकी राजनीति में एक बड़ी ताकत बन चुके हैं.
78 वर्षीय बर्नांड सैंडर्स जो कि बर्नी सैंडर्स के तौर पर जाने जाते हैं एक आम नेता की परिभाषा से बिल्कुल उलट एक बेहद खास शख्सित नजर आते हैं. बात फिर चाहे उनकी बाहरी शख्सियत की हो या उनके विचारों की. बिखरे बाल, कॉलर के खुले बटन, बिना लाग लपेट के बोलने वाले सैंडर्स अपने आप को एक लोकतांत्रिक समाजवादी नेता बताते हैं.
वो अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहने वाले राजनेता हैं. उनके राजनीतिक सफर का आगाज 1960 में छात्र जीवन में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आंदोलन करते हुए हुआ था जिसके बाद उन्हें 1963 मे हिरासत में भी लिया गया. 1981 से 88 तक वो बर्लिंग्टन, वरमौंट के मेयर रहे जिस दौरान उन्होंने एक प्रभावशाली और कारगर नेता के रूप में अपनी छवि कायम करी, स्थायी अर्थव्यवस्था को सुधारा जिसके लिए उन्हें आज भी सराहा और याद किया जाता है.
हाल ही में हुए ओपिनियन पोल के अनुसार न्यू हैम्पशायर में सैंडर्स को जो बाइडन की तुलना में दोगुना समर्थन हासिल हुआ है. सबसे ताजा ओपिनियन पोल के मुताबिक सैंडर्स राष्ट्रपति ट्रंप के लिए सबसे बड़ा खतरा बताए जा रहे हैं. ओपिनियन पोल्स भी दर्शाती हैं कि युवा मतदाताओं में सैंडर्स बेहद लोकप्रिय हैं जिस पर उनकी उम्र को मद्देनजर रखते हुए हैरानी भी जताई जाती है. आखिर ऐसा क्या है सैंडर्स में जो उन्हें युवाओं के दिलों में इतना लोकप्रिय बनाता है? इसका जवाब हमें सैंडर्स की शख्सियत, उनके विचार, नीतियों और घिसीपिटी राजनीति से ऊब चुके युवकों की आकांशाओं में मिल सकता है.
और नेताओं की तुलना में सैंडर्स की सबसे विशेष उपलब्धि यह है कि जिन मुद्दों और उसूलों पर उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था वो आज भी उन पर कायम हैं. यह बात जहां उनके प्रशंसकों को भाती है वहीं उनके विरोधियों को डराती है. शीत युद्ध से लेकर आज तक अमेरिकी राजनीति में समाजवाद का जिक्र करना भी राजनीतिक आत्महत्या जैसा रहा है, ऐसे में उनका शुरुआत से खुल्ले तौर पर समाजवादी होना उनके राजनीतिक सफर को खास और रोचक बनाता है.
आज की तारीख में उनके लोकतांत्रिक समाजवाद को यथास्थितिवाद और अवारा पूंजीवाद के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. जिस दौर में राजनीतिक संवाद महज भाषाई कला तक ही सीमित रह गया हो, वहां किसी नेता का स्पष्टता के साथ सामाजिक समस्याओं और उनके समाधान पर आवाज बुलंद करना लोगों के जहन में उनकी विश्वसनीयता बढ़ाता है. सैंडर्स की लोकप्रियता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके प्रतिद्वंदी उनकी तर्ज पर हल्के हल्के समाजवादी सुर बोलते हुए नजर आते हैं.
खास यह भी है कि सैंडर्स जिन मुद्दों और समस्याओं पर जोर देते हैं वह उनके समाधान के बारे में विभिन्न मंचों पर चर्चा भी करते हैं. उनके यह मुद्दे अपने-आप में इतने विवादास्पद हैं कि ज्यादातर नेता उनका जिक्र करने में भी कतराते हैं.
अमेरिका जैसे मुल्क जिसे पूंजीवाद का प्रतीक माना जाता है वहां सैंडर्स का आर्थिक अधिकारों की बात करना और कहना कि ‘आर्थिक आधिकार, मानव आधिकार हैं’ एक बेहद ही साहसी बात है. और तो और वो चुने जाने पर आर्थिक आधिकार के तौर पर 15 डॉलर प्रति घंटा न्यूनतम मजदूरी दर लागू करने का दावा करते हैं.
‘सभी के लिए चिकित्सा’ उनका एक दूसरा एजेंडा है जिसकी जितनी सरहाना उतनी आलोचना हो रही है. विरोधी इसे असंभव और बेवकूफाना करार दे रहे हैं पर सैंडर्स इससे अप्रभावित हैं और आर्थिक असमानताएं हटाने को अपना सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मानते हैं.
अमेरिका भले ही विश्व के सबसे अमीर देशों में से एक है मगर उसके छात्र बेहद ही महंगी पढ़ाई के चलते कर्ज के नीचे दबे हैं जिस गंभीर स्थिति को ठीक करने के लिए सैंडर्स शिक्षा शुल्क को कम करने का भी दावा करते हैं. अमेरिका के आर्थिक और राजनीतिक जीवन में परिवर्तन लाने के लिए वो जमीनी स्तर पर काम को अनिवार्य मानते हैं. साथ ही साथ वो सफेदपोश अपराध से निपटने को भी बेहद जरूरी बताते हैं. यह सारी चीजें अमेरिका के अभिजात और अमीर वर्ग और उद्योगपतियों को खुली चुनौती है. इस पहसे से स्थापित और अति शक्तिशाली ताकत का सामना वो कैसे करेंगे यह सोचने वाली बात है लेकिन एक बात तय है कि उनकी यही खूबी लोगों के दिलों में उनकी एक अलग जगह बना रही है.
उनके समर्थक मानते हैं कि सैंडर्स वाकई उनकी समस्याओं को समझते हैं और उनसे जुड़े हुए हैं. उन्हें विश्वास है कि वो अमेरिका की राजनीतिक और आर्थिक दिशा को बदलेंगे. इसकी एक वजह यह भी है कि खुद सैंडर्स जलवायु परिवर्तन की समस्या को भी वो युध्द स्तर पर छेड़े हुए हैं और ‘ग्रीन न्यू डील’ को इसके समाधान के रूप में लागू करना चाहते हैं.
इन सभी चीजों के चलते सैंडर्स ने पूरे विश्व में एक ऐसे नेता के रूप में लोकप्रियता हासिल की है जो किसी भी मुद्दे पर बात करने से न झिझकते हैं न पीछे हटते हैं, जो अपने सिद्धांतों पर अडिग हैं. अगर वो अमेरिकी राष्ट्रपति बनने में कामयाब हो जाते हैं उस सूरत में वो क्या हासिल कर पाएंगे ये तो वक्त ही बताएगा मगर अपने देश की मौजूदा राजनीति में उनकी सबसे बड़ी उप्लब्धि यह है कि उन्होंने बहुत सी नीतियों को सामान्य और स्वीकृत बनाया है और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर जन संवाद का हिस्सा बनाया है.