कंपनियों के प्रबंधन में मजदूरों की हिस्सेदारी बन सकता है अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुनाव में मुद्दा


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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवारी के दावेदार रहे बर्नी सैंडर्स का समाजवाद की ओर झुकाव बढ़ा है. विभिन्न समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट से इसकी तस्दीक होती है. बर्नी सैंडर्स ने प्रस्ताव दिया है कि जर्मनी की तरह कानूनी तौर पर कॉरपोरेट बोर्ड में कामगारों की भागीदारी होनी चाहिए. वह अगले चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी के लिए ट्रेड यूनियन के साथ रिश्ते मजबूत कर रहे हैं.

वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंरव्यू में बर्नी सैंडर्स ने कहा, “हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सकते हैं जहां कर्मचारी मशीन के एक पार्ट की तरह महसूस नहीं करे– जहां उसे नौकरी के अलावा  निर्णय लेने का अधिकार भी हो.”

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ केवल वोट का अधिकार ही नहीं होता है. लोकतंंत्र खुद पर शासन करने का माध्यम भी है.

सैंडर्स लाभकारी चार्टर स्कूलों का विरोध करते रहे हैं. तथाकथित शिक्षा सुधारक चार्टर स्कूलों के हिमायती रहे हैं. ये सुधारक शिक्षक संघ, शिक्षकों के उच्च वेतन मान के विरोधी रहे हैं और शिक्षकों को सुविधाएं देने वाले कानूनों को खत्म करना चाहते हैं.

सैंडर्स की ‘श्रमिक धन निधि’ बनाने की योजना है, जिसमें कॉरपोरेशन अपना लाभ का अंशदान करेंगे.  उनकी योजना में कर्मचारियों को लाभांश देने और वोटिंग कंट्रोल के माध्यम से शेयर खरीदने का प्रावधान भी है.

सैंडर्स की ये दो नई योजनाएं उनके पारंपरिक समर्थकों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं, यह कार्ल मार्क्स की दास कैपिटल से काफी करीब भी है.

सैंडर्स मजदूरों के जिस मालिकाना हक की बात कर रहे हैं, उसका विचार एक दशक पहले स्वीडन के ट्रेड यूनियन अर्थशास्री रुडोल्फ मेडनेर ने दिया था. इसके तहत कंपनी की सालाना आमदनी का एक अंश यूनियन के स्वामित्व वाले फंड में देने की कल्पना की गई थी. जिसका इस्तेमाल कंपनी के शेयर खरीदने में होना था. समय के साथ यूनियन ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीदने की स्थिति में होता. इस तरह कंपनी पर मजदूर यूनियन का स्वामित्व स्थापित हो जाता.

सैंडर्स की योजना से उनके कैंपेन में एक क्रांतिकारी बदलाव की संभावना है.

सैंडर्स ने अपनी दो प्रस्तावित योजनाओं को लोकतांत्रिक समाजवाद कहा है. यह चार साल पहले सैडर्स के प्रचार अभियान से कई मायनों में अलग है. इससे पहले वह आय में असमानता और मेडिकेयर फॉर ऑल को लेकर आगे बढ़े थे.

पिछली बार पांच यूनियन से उनके व्हाइट हाउस बिड का समर्थन मिला था जबकि 20 यूनियन से मेडिकेयर फॉर ऑल के लिए समर्थन मिला था.

इस बार एक दर्जन से अधिक यूनियन के साथ उनके प्रतियोगी कमला हैरिस, डी कैलिफ ने मेडिकेयर फॉर ऑल का समर्थन कर रहे हैं. सैंडर्स बढ़े हुए इश्योरेंस प्रिमियम का विरोध भी करते रहे हैं.

सैंडर्स के साथ-साथ अन्य डेमोक्रेट नेताओं में जोसेफ बिडेन सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था के ढाचों को बेहतर करने और निवेश को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं. उनके एजेंडे में हथियारों पर रोक लगाना भी शामिल है.


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