यूएई में पहली बार हिन्दू पिता और मुस्लिम मां के बच्चे को मिला जन्म प्रमाण पत्र


Birth certificate of Hindu father and Muslim mother found for the first time in UAE

  Facebook/Sanam Saboo Siddique

संयुक्त अरब अमीरात ने पहली बार किसी मुस्लिम मां और हिन्दू पिता से जन्मे बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र जारी किया है. शारजाह में रहने वाले किरण बाबू और सोनम साबू सिद्दकी ने साल 2016 में केरल में शादी की थी.

यूएई के कानून के मुताबिक एक मुस्लिम पुरुष किसी गैर मुसलमान महिला से शादी कर सकता है. लेकिन वहां का कानून किसी मुसलमान महिला को गैर मुस्लिम पुरुष से शादी करने की इजाज़त नहीं देता है.

यह पहला मौका है जब किसी भारतीय हिन्दू पिता और मुस्लिम महिला से जन्मे बच्चे का यूएई ने जन्म प्रमाण पत्र जारी किया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह पहला मौका है जब कानून में इस तरह की छूट दी गई है.

यूएई ने साल 2019 को सहिष्णुता का वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसका उदेश्य यूएई को एक सहिष्णु देश बनाना है. इसके तहत विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के बीच कम्युनिकेशन गैप को खत्म करने और बिना बदलाव के एक दूसरे को स्वीकार करने का माहौल बनाया जा रहा है.

खलीज टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक किरण बाबू और सोनम साबू सिद्दकी ने साल 2016 में शादी की थी. जुलाई 2018 में उन्होंने बेटी का जन्म दिया.

किरण बाबू ने कहा, “मेरे पास आबू धाबी का वीजा था. हमने बीमा पाया और अपनी पत्नी को अमीरात के 24*7 मेडेओर अस्पताल में भर्ती करवाया था. लेकिन जन्म के बाद हमें यह कहकर जन्म प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया गया कि मैं हिन्दू हूं.”

इसके बाद हमने कोर्ट से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफीकेट हासिल की थी. इस पर चार महीनों तक सुनवाई चली लेकिन मेरे केस को खारिज कर दिया गया.”

वह बीते दिनों को याद करते हुए किरण बाबू कहते हैं कि पुराने दिन काफी तनाव से भरे थे और एमनेस्टी ही हमारा भरोसा था. उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने हमें मदद करने की कोशिश की लेकिन बच्चे के जन्म को प्रमाणित करने के लिए कोई डाटा या रजिस्ट्रेशन नंबर मौजूद नहीं होने की वजह से बच्चे को इमिग्रेशन क्लियरेंस नहीं मिल पाया.

किरण बाबू ने कहा कि भारतीय दूतावास के काउंसलर एम राजामुरुगन पूरी प्रक्रिया के दरम्यान उनके साथ बने रहे.

उन्होंने कहा कि कानून विभाग ने हमारे मामले को अपवाद माना है. ऐसे मामले में चीफ जस्टिस से आवेदन पत्र की मंजूरी लेनी होती है. इसके बाद इसे स्वास्थ्य अधिकारियों को दिखाना होता है जिसके आधार पर जन्म प्रमाण पत्र जारी होता है.

इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक हिन्दू पर्व विशू से एक दिन पहले 13 अप्रैल को उनकी बेटी अनामता एसेलिन किरन का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया कि यह पहला मामला है जब कानूनों को बदला गया है.”


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