बैकफुट पर बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह, हेमंत करकरे को शहीद माना


Pragya Singh Thakur has no exemption to produce at court

 

भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर 24 घंटे के भीतर अपने बयान से पलट गई हैं. देशभर में हुई आलोचना के बाद उन्हें अपने बयान वापस लेने पड़े हैं.  उन्होंने आतंकी हमले में शहीद हुए मुम्बई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘‘मैंने उनको सर्वनाश होने का शाप दिया था. ’’

विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान से खुद को अलग कर लिया था.

बैकफुट पर आने के बाद प्रज्ञा सिंह ने कहा, “वह दुश्मन देश के आतंकवादियों की गोली से मरे, वह निश्चित तौर पर एक शहीद हैं.”

उन्होंने कहा, “मुझे महसूस हुआ कि इससे देश के दुश्मनों को फायदा पहुंचेगा. इसलिए मैं अपना बयान वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं. यह मेरा व्यक्तिगत दु:ख है.”

बीजेपी ने कहा, ‘‘बीजेपी का मानना है कि करकरे बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गये. बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है.’’

भोपाल लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्वियज सिंह ने साध्वी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हेमंत करकरे कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे जिसने देश की सुरक्षा के लिये शहादत दी और उनकी शहादत पर हमें गर्व होना चाहिये. जिसने देश के लिये शहादत दी उसके बारे में हमें विवादित टिपण्णी नहीं करना चाहिए.’’

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन आईपीएस एसोसिएशन ने भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी.

एसोसिशन ने ट्वीट में कहा, ‘‘अशोक चक्र से सम्मानित आईपीएस, दिवंगत श्री हेमंत करकरे, ने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया।.एक उम्मीदवार द्वारा दिये गये अपमानजनक बयान की हम निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि हमारे सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए.’’

प्रज्ञा ने 18 अप्रैल को लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक में दिवंगत मुंबई एटीएस प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, ‘‘मैं उस समय मुंबई जेल में थी. जो जांच बैठाई गयी थी. सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा था कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वीजी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है. वह व्यक्ति (करकरे) कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर के आऊंगा. कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.’’

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साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी मेरे लिए. मेरे लिए नहीं किसी के लिए भी. मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगता है. जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था.  ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया.’’

प्रज्ञा ने कहा, ‘‘यह उसकी कुटिलता थी. यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था. तमाम सारे प्रश्न करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा..मुझे क्या पता भगवान जाने. तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा. मैंने कहा कि बिल्कुल. अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए. आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी. लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा.’’

मालेगांव विस्फोट मामले में हेमंत करकरे मुख्य जांचकर्ता थे. उनकी मौत मुंबई आतंकी हमले में हो गई थी.


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