बीजेपी क्यों काट रही मौजूदा सांसदों के टिकट?
इन लोकसभा चुनावों में बीजेपी अपने करीब एक तिहाई सांसदों के टिकट काट सकती है. अब तक के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी ने अपने 71 मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है.
फिलहाल अपने 26 मौजूदा सांसदों की सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि टिकट कटने वाले सांसदों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
इस चुनाव में पार्टी 400 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. बाकी की सीटें एनडीए की सहयोगी पार्टियों के खाते में गई हैं.
माना जा रहा है कि साल 2014 में मोदी को सत्ता तक पहुंचाने वाले ये सांसद पार्टी से काफी नाराज हैं.
वैसे राजनीतिक पार्टियां अतीत में सांसदों को दोबारा उसी सीट से टिकट देती रही हैं. मौजूदा सांसदों की जीत की कम संभावनाओं के बावजूद भी पार्टियां ये जोखिम लेती हैं क्योंकि उन्हें सासदों के स्थानीय संरक्षकों और भीतरघात का डर होता है.
इन सब बातों के बावजूद भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर पार्टी ने बड़ी संख्या में मौजूदा सांसदों के टिकट काटने का खतरा उठाया है. शाह का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और मजबूत संगठन के बल पर पार्टी इन सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब होगी. अमित शाह अपने ‘माइक्रो-मैनेजमेंट’ के जरिए सीटों का चुनावी गणित प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं.
यही कारण है कि जिन सीटों पर अलग-अलग कारणों से सत्ता विरोधी लहर है, वहां पार्टी प्रधानमंत्री मोदी की छवि और प्रसिद्धि के बल पर नए उम्मीदवारों को उतार रही है.