गोडसे पर बयान के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर रक्षा मामलों की परामर्श समिति से बाहर होंगी


Pragya Singh Thakur has no exemption to produce at court

 

बीजेपी ने भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मामलों की परामर्श समिति से बाहर करने का फैसला लिया है. पार्टी के कार्यकारी सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि ठाकुर को रक्षा संबंधी सलाहकार समिति से बाहर किया जाएगा और इस सत्र के दौरान उन्हें पार्टी की संसदीय बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी.

नड्डा ने प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाये जाने की सिफारिश की है.

BJP Working President J P Nadda to ANI: We have decided that Pragya Singh Thakur will be removed from the consultative committee of defence, and in this session she will not be allowed to participate in the parliamentary party meetings. https://t.co/GnFhC66p7X

— ANI (@ANI) November 28, 2019

प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 27 नवंबर को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का हवाला ‘देशभक्त’ के तौर पर दिया जिसको लेकर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया.

जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी, लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की निंदा करती है, पार्टी ऐसे बयानों का कभी समर्थन नहीं करती है.

सदन में जब द्रमुक सदस्य ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दिया तो प्रज्ञा अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और कहा कि ‘देशभक्तों का उदाहरण मत दीजिए’.

बीजेपी के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने ठाकुर के बयान की निंदा करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें संसदीय समिति से हटाने की अनुशंसा कर उचित कार्रवाई की है.

संसद भवन परिसर में चंद्रशेखर ने संवाददाताओं को बताया , ”राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे को महिमा मंडित करना किसी भी नजरिये से उचित नहीं है. गांधी दलगत भाव से ऊपर उठकर हम सभी के लिये सदैव प्रेरणा के स्रोत रहे हैं और रहेंगे.”

इस दौरान आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने ठाकुर को संसदीय समिति से हटाने के बीजेपी के फैसले को नाकाफी बताते हुये उनकी संसद सदस्यता रद्द किये जाने की मांग की.

सिंह सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने नियम267 के तहत कार्यस्थगन कर ठाकुर के बयान पर चर्चा कराने की मांग की है।

तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुइयां ने ठाकुर के बयान को भारतीय मूल्यों के विरुद्ध बताते हुए कहा , ” राष्ट्रपिता के हत्यारे को भारत की संसद में देशप्रेमी बताने वाला बयान भारत के लिये शर्मनाक है. बीजेपी को खुद आगे आकर इस बयान की निंदा कर ऐसे बयान देने वाले अपने पार्टी नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिये. ”

उन्होंने ठाकुर की संसद सदस्यता रद्द किये जाने की विपक्ष की मांग को जायज बताते हुए कहा कि संसदीय समिति से उन्हें हटाने की अनुशंसा मात्र करना नाकाफी है.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ठाकुर के बयान को निंदनीय बताया है.

इस पर कांग्रेस के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और यह आरोप लगाते हुए सुने गए कि उन्हें (प्रज्ञा) को प्रधानमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है.

ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ द्रमुक नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा.

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था.

बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि कहा था, ‘गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में टिप्पणी बेहद खराब और समाज के लिये बेहद गलत थी….उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन मैं उन्हें कभी भी मन से माफ नहीं कर पाउंगा.’

विवादित नेता ने एक रोडशो में शामिल होने के दौरान कहा था, ‘नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और एक देशभक्त रहेंगे. जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्हें इन चुनावों में उचित जवाब दिया जाएगा.’


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