बीजेपी जश्न ना मनाए, सुप्रीम कोर्ट ने ‘रफायल घोटाले’ की जांच से नहीं रोका: कांग्रेस


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सुप्रीम कोर्ट की ओर से रफायल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के बाद कांग्रेस ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी जांच एजेंसी को जांच से नहीं रोका है और ऐसे में बीजेपी सरकार को जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि इस ‘घोटाले’ की जांच करानी चाहिए.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं. उसने कहा कि हमारा अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है. न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि न्यायालय का फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है.”

सुरजेवाला ने कहा, ”जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है. बीजेपी नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं. जेपीसी की जांच जरूरी है. बीजेपी जश्न नहीं मनाए, जांच कराए.”

उन्होंने कहा, ”सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं. पहला सवाल यह है कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स को क्यों अलग कर दिया?”

कांग्रेस नेता ने यह सवाल भी किया, ” यह ठेका 12 दिन पुरानी कंपनी को क्यों दे दिया गया?’

विमान की कीमत क्यों बढ़ाई गई? जब 126 विमानों की जरूरत थी तो 36 विमान क्यों खरीदे गए? रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अहवेलना क्यों की गई? बीजेपी सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से उपेक्षित क्यों किया? विमानों की आपूर्ति आठ साल में क्यों की जा रही है? नरेंद्र मोदी ने विमान की बुनियादी कीमत में 40 फीसदी बढ़ोतरी क्यों की?”

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने रफायल लड़ाकू विमान सौदा मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.

न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ”हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.”


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