‘भारतीयों को मत बांटो’ के नारे के साथ CAA के खिलाफ जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में सैकड़ों लोग पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर एकत्र हुए और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया.
जामा मस्जिद के बाहर पुलिस की भारी तैनाती रही. वहां जुटे प्रदर्शनकारियों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने ”भारतीयों को मत बांटो” और ”हम समानता चाहते हैं” जैसे नारे लगाए.
कांग्रेस नेता अलका लांबा और दिल्ली के पूर्व विधायक शोएब इकबाल भी प्रदर्शनकारियों के साथ थे. यह प्रदर्शन लगभग दो घंटे चला.
लांबा ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ”देश में असल मुद्दा बेरोजगारी का है लेकिन आप (प्रधानमंत्री) लोगों को एनआरसी के लिए लाइन में खड़ा करना चाहते हैं जैसा नोटबंदी के दौरान किया गया था.”
उन्होंने कहा, ”देश और संविधान के लिए लोकतंत्र की आवाज उठाना आवश्यक है. केंद्र सरकार तानाशाह नहीं हो सकती और लोगों पर अपना एजेंडा नहीं थोप सकती है.”
वहीं, पूर्व विधायक इकबाल ने कहा, ”जो लोग हिंसा करते हैं, वे हममें से नहीं हैं. यह आंदोलन है और यह जारी रहेगा. अगर कोई हमारी शांति को भंग करता है तो वह हममें से नहीं है. वह हमारे आंदोलन को भटकाना चाहता है. हम हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे. पिछले शुक्रवार को जो हिंसा हुई, हम उसकी निन्दा करते हैं.”
प्रदर्शनकारी मोहम्मद इस्माइल ने कहा, ”हमें यह कानून नहीं चाहिए और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए. देश के लोग कानून के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे.”
वहीं, प्रदर्शनकारियों में शामिल मोहम्मद शाकिब ने कहा, ”इस देश को एनआरसी, एनपीआर नहीं चाहिए. इस देश को रोजगार चाहिए. इस देश को अमन और शांति चाहिए.”
पिछले 20 दिसंबर को जामा मस्जिद के पास दरियागंगज में एक प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. लोगों ने कथित तौर पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया था और एक वाहन को आग लगा दी थी.
धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हुआ है.
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को पिछले सप्ताह हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस का कहना है कि चंद्रशेखर ने ”भड़काऊ भाषण” दिया था.