मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार


cabinet formation in madhya pradesh and chhattisgarh

 

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई.

मंत्रियों में दो महिलाएं, एक मुस्लिम और एक निर्दलीय शामिल हैं. प्रदेश में पिछले 15 साल बाद मुस्लिम समुदाय से आरिफ अकील को मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

जिन दो महिला विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, वे विजयलक्ष्मी साधौ (महेश्वर विधानसभा सीट) और इमरती देवी (डबरा विधानसभा सीट) हैं.

वहीं, कमलनाथ ने वारासिवनी के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को भी अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है. कांग्रेस का टिकट न मिलने पर उन्होंने बागी बन कर चुनाव लड़ा था. जायसवाल को छोड़कर मंत्रिमंडल में शामिल सभी विधायक कांग्रेसी हैं.

यहां राजभवन में आज विधायक विजयलक्ष्मी साधौ, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ. गोविन्द सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, बृजेन्द्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लाखन सिंह यादव, तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, डॉ. प्रभु राम चौधरी, प्रियव्रत सिंह एवं सुखदेव पानसे ने मंत्री पद की शपथ ली.

इनके अलावा, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पी सी शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन यादव, सुरेन्द्र सिंह बघेल एवं तरूण भनोत ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

सभी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में हिंदी में पद और गोपनीयता की शपथ ली.

कमलनाथ ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ अकेले ही ली थी.

मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. कांग्रेस ने बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है. पार्टी के पास फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, बीजेपी को 109 सीटें मिली हैं.

वहीं पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और नौ मंत्रियों को शामिल किया.

छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नौ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई.

राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भूपेश बघेल ने इस महीने की 17 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने मंत्री पद की शपथ ली थी.

सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नए मंत्रियों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि बघेल ने साफ किया था कि उनके मंत्रिमंडल में वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों को जगह दी जाएगी. यही कारण है कि पहली बार चुने गए विधायकों को इसमें जगह नहीं दी गई है.

छत्तीसगढ़ में, मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 13 सदस्य हो सकते हैं. आज नौ विधायकों द्वारा मंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह संख्या 12 हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, जल्द ही 13वें सदस्य का फैसला किया जाएगा.

राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार का स्वागत करते हुए इसे एक संतुलित मंत्रिमंडल बताया जिसमें सभी को स्थान दिया गया है.

प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस को अभूतपूर्व जनादेश मिला है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए मंत्रिमंडल का गठन आसान नहीं था. कई अनुभवी विधायक हैं. सभी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है. इस चुनौती का बघेल ने बखूबी सामना किया और संतुलित मंत्रिमंडल का गठन किया है. जिसका प्रदेश में व्यापक स्वागत किया जा रहा है. त्रिवेदी ने यह भी कहा है कि इस मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं मिली है. लेकिन कांग्रेस सभी का समुचित उपयोग करेगी और सभी का सम्मान होगा. हमें लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करना है, यह बड़ा लक्ष्य है.

वहीं मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने कहा है मंत्रिमंडल विस्तार से ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री अपने हाथ में रिमोट रखना चाह रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर, बीजेपी ने 15 सीटों पर और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस (जोगी) और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन ने सात सीटों पर जीत हासिल की है.


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