मोदी बायोपिक: फिल्म की रिलीज पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. फिल्म को अभी सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलना बाकी है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले में मंगलवार को दोबारा सुनवाई की जाएगी. और वह कोई न कोई आदेश भी पारित कर सकता है. याचिकाकर्ता को यह बात बतानी होगी कि फिल्म में ऐसा क्या है जो बहुत ही आपत्तिजनक है.
पीठ ने कांग्रेस कार्यकर्ता अमन पंवार का यह अनुरोध ठुकरा दिया कि फिल्म की एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जाए.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जब फिल्म की प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया तो पीठ ने कहा, “हम किसी व्यक्ति को फिल्म की प्रति देने का निर्देश क्यों दे? हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा निर्देश हम क्यों दें?”
इससे पहले, मामले की सुनवाई शुरू होते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस फिल्म को अभी सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. उन्होंने इस संबंध में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा पीटीआई को दिए गए एक बयान का जिक्र किया. जोशी ने पीटीआई से कहा था कि फिल्म इस समय जांच और प्रमाणन की प्रक्रिया में है.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने बयान दिया था कि 11 अप्रैल को फिल्म प्रदर्शित की जाएगी.
इस पर पीठ ने कहा कि हो सकता है कि सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल जाने की उम्मीद में निर्माता ने इस बायोपिक को 11 अप्रैल को प्रदर्शित करने के बारे में बयान दिया हो.
पीठ ने कहा कि इस समय फिल्म के प्रदर्शन को चुनौती देने की कोई वजह नजर नहीं आती है.
सिंघवी ने जब बायोपिक पर रोक लगाने का फिर अनुरोध किया तो पीठ ने कहा, “हम फिल्म का प्रदर्शन कैसे रोक सकते हैं. इसे अभी प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. फिल्म के प्रदर्शन के बारे में इसके निर्माता का सिर्फ बयान ही आया है.”
हालांकि सिंघवी ने कहा कि इस फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति देना संविधान के ढांचे पर सीधा हमला होगा.
इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने और इसका प्रदर्शन स्थगित करने के अनुरोध को ठुकरा चुकी है.