विजयवर्गीय समेत 350 बीजेपी कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज


Case filed against 350 BJP workers including Vijayvargiya

 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक कथित विवादास्पद बयान का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं. इस बीच, पुलिस ने इंदौर में विजयवर्गीय समेत करीब 350 बीजेपी कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोपों वाली धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है.

संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि तीन जनवरी को दोपहर रेसीडेंसी क्षेत्र में बिना अनुमति किए गये धरना-प्रदर्शन को लेकर एक तहसीलदार की शिकायत पर लगभग 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ चार जनवरी की देर रात प्राथमिकी दर्ज की गई. इनमें विजयवर्गीय, इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी और बीजेपी के अन्य स्थानीय नेता शामिल हैं.

रघुवंशी ने बताया कि इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 143 (विधिविरुद्ध जमाव में शामिल होना), धारा 149 (विधि विरुद्ध जमाव के किसी भी सदस्य द्वारा साझा मकसद को लेकर कोई अपराध किये जाने की सूरत में इस समूह का हर सदस्य उस जुर्म का दोषी होगा), धारा 153 (बलवा कराने की नीयत से भीड़ को अनियंत्रित तौर पर उकसाना), धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

विजयवर्गीय की अगुवाई में दो दिन पहले किए गए जिस धरना-प्रदर्शन को लेकर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है, उसमें बीजेपी के 63 वर्षीय महासचिव ने आरोप लगाया था कि सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के इशारे पर स्थानीय प्रशासन बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहा है.

इस प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुका है. विजयवर्गीय इस वीडियो में कहते सुनाई पड़ रहे हैं, ‘आखिर कोई प्रोटोकॉल होता है या नहीं? हम सरकारी अधिकारियों से लिखित निवेदन कर रहे हैं कि हम उनसे मिलना चाहते हैं. क्या वे हमें यह सूचना भी नहीं देंगे कि वे शहर से बाहर हैं? यह अब हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे संघ के पदाधिकारी (यहां) हैं, नहीं तो आज आग लगा देता इंदौर में.’

बीजेपी महासचिव का यह बयान तब सामने आया, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आंतरिक बैठकों के लिए संगठन के प्रमुख मोहन भागवत और इसके अन्य शीर्ष पदाधिकारी इंदौर में ही थे. संघ पदाधिकारी अब भी शहर में ही हैं.

थाना प्रभारी ने बताया कि प्राथमिकी में दर्ज आपराधिक धाराओं की रोशनी में विजयवर्गीय के विवादास्पद बयान की भी जांच की जा रही है. मामले में फिलहाल किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई नेताओं ने विजयवर्गीय के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है. उधर, विजयवर्गीय के बचाव में बीजेपी आरोप लगा रही है कि कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार माफिया रोधी अभियान की आड़ में सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है.


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