भारत को RCEP से बाहर रखने की बात कहना नासमझी: केंद्र
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केंद्र ने कहा है कि भारत को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर रखने की सलाह देना नासमझी है. ये बातचीत आसियान देशों के नेतृत्व में 16 देशों के समूह के बीच होगी. जहां मुक्त व्यापार समझौते जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
भारत को इस बातचीत से दूर रहने की सलाह मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने बैंकाक में हुई आसियान देशों की बैठक के परिप्रेच्छय में दी थी. भारत की ओर से इसे खारिज कर दिया गया है.
वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारत लगातार आरसीईपी बातचीत का हिस्सा रहा है, इनका मकसद आसियान देशों, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते करना है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इस मुद्दे पर वो आने वाले समय में लगातार बैठकें करने वाला है.
दि हिंदू लिखता है कि नाम ना बताए जाने की शर्त पर वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, “भारत पहले भी काम में हिस्सेदारी को लेकर अपनी इच्छा जाहिर कर चुका है. ऐसा हमारे इस मुद्दे के साथ लगातार जुड़ाव में दिखा है. अभी कुछ मुद्दे हैं जिन पर ठोस काम अभी बाकी है, लेकिन ये कहना कि आरसीईपी हमारे बिना आगे जारी रहेगा, बिल्कुल नासमझी है.”
सीएनबीसी चैनल के साथ साक्षात्कार में महाथिर मोहम्मद ने कहा था कि वे 13 देशों के फार्मूले पर जाने के इच्छुक हैं. और भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को भविष्य में कभी इस समझौते से जोड़ना चाहते हैं.
इस पर भारत की ओर से कहा गया, “मलेशिया का अपना विचार हो सकता है, वे पूरी आरसीईपी नहीं हैं. हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि दूसरे देश इस तरह का विचार नहीं रखते, और भारत को आरसीईपी के साथ काम करते देखना चाहते हैं.”
हालांकि ये भी हो सकता है कि महाथिर ने बिना सोचे दो-टूक बोल दिया हो, जबकि दूसरे देश समूह भारत पर आरसीईपी में समय पर काम की प्रगति को लेकर दबाव बना रहे हों. इस बारे में अंतिम घोषणा नवंबर में होनी है.
पिछली बार भारत, इंडोनेशिया, थाइलैंड और ऑस्ट्रेलिया में चुनाव के चलते सरकार समय मांगने में सफल रही थी. लेकिन अब चुनाव हो चुके हैं, इसलिए आसियान देशों पर भी दबाव रहेगा कि वे जल्द इसे पूरा करें, और भारत को भी जल्द ही फैसला लेना होगा.
बीते रविवार को आसियान देशों की बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद हुई घोषणा में इन देशों ने बातचीत को लेकर अपनी गहरी इच्छा जताई थी. इस दौरान इन देशों के नेताओं ने भारत की आरसीईपी बातचीत में हिस्सेदारी की बात भी कही.