चंद्रबाबू नायडू ने कहा, बीजेपी को रोकने के लिए साथ आने वाली हर पार्टी का स्वागत है


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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए गठबंधन को सत्ता से बाहर रखने की पुरजोर कोशिशों में लगे हुए हैं. नायडू इसके लिए दक्षिण के अपने धुर विरोधियों को साथ लाने के लिए तैयार हैं.

एनडीए के इस पूर्व साझीदार ने कहा है कि चुनाव के बाद अगर जरूरत पड़ी तो वे बीजेपी को रोकने के लिए टीआरएस को साथ लाने में भी परहेज नहीं करेंगे. दक्षिण में टीआरएस और टीडीपी हितों के टकराव के चलते एक-दूसरे की विरोधी हैं.

बीते शुक्रवार को नायडू ने इसी सिलसिले में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और आप नेता अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. इस बैठक के दौरान इन नेताओं के बीच चुनाव परिणाम के बाद संभावित गठबंधन को लेकर बातचीत हुई.

खबरों के मुताबिक शनिवार को नायडू कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमों मायावती से मुलाकात करेंगे.

बैठक के बाद नायडू ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “हम अपने गठबंधन में ऐसी सभी पार्टियों का स्वागत करते हैं जो बीजेपी के विरोध में खड़ी हैं.” उन्होंने कहा कि हम सभी पार्टियों से मिल रहे हैं, बातचीत के बाद हम कोई योजना बनाएंगे.

टीआरएस यानी तेलंगाना राष्ट्र निर्माण समिति के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और चंद्रबाबू नायडू एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. केसीआर कभी टीडीपी के सदस्य हुआ करते थे. बाद में उन्होंने पार्टी से अलग होकर टीआरएस का गठन किया.

उधर डीएमके नेता एमके स्टालिन और केसीआर के बीच गठबंधन को लेकर कुछ दिन पहले ही बातचीत हो चुकी है. खबरों के मुताबिक उस बैठक में स्टालिन ने केसीआर को कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.

इससे पहले टीडीपी नेता ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को एक पत्र लिखा. उन्होंने इस पत्र में आयोग से वाईएसआर कांग्रेस की शिकायत पर चित्तूर संसदीय क्षेत्र के पांच बूथों पर दोबारा मतदान कराए जाने के फैसले के बारे में पूछा है.


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