ट्रेड वार: चीन ने किया अमेरिका पर जवाबी हमला


china started to uplift ban of foreign investment in its financial sector

 

दुनिया की दो प्रमुख महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इस बीच चीन ने कहा है कि वो 1 जून से अमेरिका से आने वाले 60 अरब डॉलर कीमत के उत्पादों पर आयात शुल्क लगाएगा.

चीन ने यह घोषणा तब की है जब तीन दिन पहले अमेरिका ने चीन से आने वाले 200 अरब डॉलर कीमत के उत्पादों पर आयात शुल्क दोगुना कर दिया था.

चीन की तरफ से यह घोषणा टैरिफ पॉलिसी कमीशन ने की है. चीन की तरफ से यह कहा गया है कि वो किसी भी ऐसे फैसले को तरजीह नहीं देगा, जिससे उसके हितों को नुकसान पहुंचे. इसके साथ यह भी कहा गया कि चीन किसी भी बाहरी दबाव के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा.

चीन के इस फैसले के बाद अमेरिका के जिन उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया जाएगा, उनमें मुख्य रूप से मांस से संबधित उत्पाद, कुछ विशेष प्रकार की सब्जियां, फलों का रस, खाना पकाने का तेल, कॉफी और चाय शामिल हैं.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शीर्ष अधिकारियों को चीन से लगभग सभी आयात पर शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था.

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लिथिजेर ने कहा था, ‘‘आज इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति के निर्देश पर लगभग 200 अरब डॉलर मूल्य के चीनी आयात पर शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है.’’

उन्होंने कहा था, ‘‘राष्ट्रपति ने चीन से शेष सभी आयात पर आवश्यक रूप से शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने का भी हमें आदेश दिया है, जो लगभग 300 अरब डॉलर मूल्य का है.’’

लिथिजेर ने कहा था इस संबंध में सार्वजनिक सूचना और टिप्पणी जल्द ही संघीय रजिस्टर में प्रकाशित होगी, यूएसटीआर वेबसाइट पर ब्योरा 13 मई को उपलब्ध होगा.

ट्रंप ने यह निर्णय तब लिया था जब चीन के उपप्रधानमंत्री ने लिथिजेर के नेतृत्व वाली अमेरिकी टीम के साथ हाल में दो दिवसीय व्यापार वार्ता की थी.

ट्रंप के इस कदम से अमेरिका तथा चीन के बीच ट्रे़ड वार भड़कने की आशंका जताई जा रही थी. हालांकि, ट्रंप ने सिलसिलेवार ट्वीट में वार्ता को सकारात्म्क करार दिया था, लेकिन चीन के साथ व्यापार में ‘बड़े असंतुलन’ को लेकर कड़ा रुख अपनाने का संकेत भी दिया था.

उन्होंने कहा था, ‘‘पिछले दो दिन में अमेरिका और चीन ने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों के स्तर पर सकारात्मक वार्ता की है.’’

ट्रंप ने आगे कहा था, ‘‘राष्ट्रपति शी (चीन) और मेरे बीच बहुत मजबूत संबंध हैं और वार्ता भविष्य में जारी रहेगी.’’

हालांकि, आज चीन की इस घोषणा से पहले ट्रंप का मिजाज बदला हुआ नजर आया.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “चीन को जवाबी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. इससे स्थिति केवल और खराब होगी.”

उन्होंने आगे कहा, “चीन ने सालों तक अमेरिका का फायदा उठाया है. चीन हमसे कहीं आगे है, इसलिए उसे जवाबी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए”


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