मोदी-शी की मुलाकात से पहले चीन ने “हिम-विजय सैन्य अभ्यास” पर जताई आपत्ति


india and china are not threat to each other says chinese ambassador

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अगले हफ्ते एक अनौपचारिक मुलाकात से पहले चीन ने अरूणाचल प्रदेश में चल रही “हिम विजय सैन्य अभ्यास” पर आपत्ति जताई है.

चीनी उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई ने गुरुवार को विदेश सचिव विजय गोखले के साथ एक बैठक में ये मुद्दा उठाया. लुओ इससे पहले भारत में चीनी राजदूत भी रह चुके हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बीजिंग ने भारत से कहा कि सैन्य अभ्यास दोनों ओर से सफल सम्मेलन की कोशिश को कमतर करेगा.

जवाब में भारतीय अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) से 100 किमी. अंदर की ओर हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि अभ्यास के समय और सम्मेलन के समय के बीच कोई संबंध नहीं है और अभ्यास की तारीख कई महीनों पहले ही तय कर ली गई थी.

मोदी-शी के बीच दूसरा अनौपचारिक सम्मेलन फिलहाल पूरी तरह तय नहीं है हालांकि तय कार्यक्रम के तहत शी अपने दौरे के लिए 11 अक्टूबर की दोपहर भारत पहुंचेंगे.

ऐसे में शी के भारत दौरे से एक हफ्ते पहले अरूणाचल प्रदेश में सैन्य अभ्यास से चीन की नाराजगी स्पष्ट है.

बीते दिनों चीन ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले को “संप्रभुत्ता को कम करने वाला” बताया था. अगस्त में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी बीजिंग यात्रा के दौरान चीन को स्पष्ट किया था कि अनुच्छेद 370 पर भारत का फैसला आंतरिक मसला है. भारत ने कहा कि इस फैसला का एलएसी पर चीन सीमा के साथ कोई संबंध नहीं है.

हालांकि बीजिंग ने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बैठक करने में पाकिस्तान की मदद की.
भारत ने जम्मू-कश्मीर में लगातार सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया है, ऐसे में संभव है कि अनौपचारिक सम्मेलन के दौरान भी भारत इस मुद्दे को अहमियत दे.


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