चीन ने लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को मानने से इंकार किया
चीन ने क्षेत्र में तनाव से बचने के लिए भारत को जम्मू-कश्मीर में ‘एकतरफा कार्रवाई’ करने से बचने की सलाह दी है. वहीं, लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के निर्णय को ‘अस्वीकार्य’ बताया है.
जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा हटाने और राज्य को दो भागों में बांटने संबंधी फैसले के एक दिन बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
चीन प्रशासित लद्दाख को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर जारी बयान में कहा गया है, “भारत-चीन सीमा के पश्चिमी भाग के भारत प्रशासित क्षेत्र में चीन के हिस्सों को मिलाने का चीन हमेशा से विरोध करता रहा है. यह स्थिति अचल, अपरिवर्तनीय और कभी बदलने वाला नहीं है.”
भारत चीन प्रशासित लद्दाख के कुछ क्षेत्रों पर अपना दावा करता रहा है.
बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में भारत की ओर से घरेलू कानूनों में एकतरफा बदलाव करके चीन की स्वायत्तता को लगातार कमजोर किया जा रहा है. यह कवायद स्वीकार्य नहीं है और इससे कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है.”
बयान में कहा गया है कि हम भारत से आग्रह करते हैं कि सीमा के मामले में अपने शब्द और कर्म का सावधानी से चयन करें और समझौतों पर मजबूती से बने रहने के साथ ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से बचें जिससे सीमा मामलों में उलझाव पैदा हो.
एक सवाल के जवाब में चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्र की स्थिति काफी तनावपूर्ण है.
विदेश मंत्री ने कहा, “कश्मीर की वर्तमान स्थिति को लेकर चीन गंभीरता से चिंतित है. कश्मीर को लेकर चीन की स्थिति स्पष्ट और अटल है. यह मामला भारत और पाकिस्तान की ऐतिहासिक विरासत से जुड़े हैं जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति भी शामिल है.”
चीन की ओर से कहा गया है कि कश्मीर मुद्दे पर संबंधित पक्षों को संयम और सावधानी से काम लेना चाहिए, खासकर उन कार्रवाई से बचें जो कि वर्तमान स्थिति में एकतरफा बदलाव लाता हो और तनाव को बढ़ाता हो.
सूत्रों के हवाले से रॉयटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने हुआवेई टेक्नोलॉजी कंपनी को भारत में कारोबार करने से नहीं रोकने को कहा है. चीन ने चेतावनी दी है कि इसके परिणाम चीन में कारोबार कर रही भारतीय कंपनियों को उठाने पड़ सकते हैं.