भारतीय ‘उपासना पद्धतियां’ यौन उत्पीड़न का औजार: चीन
चीन ने अपने नागरिकों को भारतीय धार्मिक संस्थाओं की ओर से चलाई जाने वाली उपासना पद्धतियों से सावधान रहने को कहा है. नागरिक सुरक्षा मंत्रालय की ओर से जारी अलर्ट में नागरिकों को संदेहास्पद उपासना पद्धतियों से दूर रहने को कहा गया है क्योंकि इनमें यौन हिंसा शामिल है.
चीन की पुलिस की ओर से यह अलर्ट ताइवान की एक अभिनेत्री की ओर से सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करने के बाद जारी हुआ है. अभिनेत्री ने दक्षिण भारत स्थित एक धार्मिक संस्था की उपासना पद्धतियों को प्रचारित करने वाला वीडियो शेयर किया था. चीन की सोशल मीडिया पर इसके बाद बहस हो रही है.
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने टैबलॉयड ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि अभिनेत्री यी नेनगजीयांग ने सीना वेइबो पर ‘अम्मा और भगवान’ के संदेशों वाला वीडियो शेयर किया था. अम्मा और भगवान चित्तूर स्थित वननेस यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं. सीना वेइबो चीन का लोकप्रिय सोशल मीडिया है.
विवाद होने के बाद अभिनेत्री ने वीडियो सोशल मीडिया से हटा लिया है.
सोशल मीडिया पर बहस के बाद चीन की नागरिक सुरक्षा मंत्रालय और चाइना एंटी कल्ट एसोसिएशन (सीएसीए) ने कहा है कि भारत के कुछ आध्यात्मिक स्कूल यौन हिंसा के दलदल में धंसे हैं.
सीएसीए ने प्रसारित अपने संदेश में गुरुमीत राम रहीम सिंह का जिक्र किया है. इसमें कहा गया है कि सिंह ने 200 महिलाओं को बंधक बनाकर रखा और उनके साथ बलात्कार किया.
गुरमीत राम रहीम सिंह को आश्रम की महिला अनुनायियों के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा हुई है. वह फिलहाल जेल में हैं. उन्हें पत्रकार हत्याकांड मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
रिपोर्ट में एक जानकार के हवाले से कहा गया है कि अभिनेत्री के द्वारा सिखाये जाने वाली तकनीक और ‘उपासना पद्धति’ में आता है.”
चीन की शीर्ष अदालत धर्म या ‘क्यूयोंग’ को अनुयायियों को धोखा देने और गुलाम बनाने के हथकंडा की तरह इस्तेमाल करने वाले संप्रदायों को गैर कानूनी संस्था की श्रेणी में रखता है. ‘क्यूयोंग’ चीन की एक तरह की ब्रिदिंग एक्ससाइज है.
वेबसाइट सिक्सथ टोन के मुताबिक, चीन में धर्म गुरुओं की गतिविधियों की वजह से दुर्घटना होने की स्थिति में कम से कम सात साल की सजा और जुर्माना का प्रावधान है. आम तौर पर दो से अधिक मौतों को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
चीन की सरकार ने साल 2017 में उपासना पद्धतियों पर रोक लगाने के लिए सीएसीएन वेबसाइट लांच की थी. इसका उदेश्य चीन में उपासना पद्धतियों पर पाबंदी संबंधी कानूनों और इससे जुड़ी जानकारी लोगों तक पहुंचाना है. यहां पर उपासना पद्धति संबंधी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.
यह पीड़ित और उनके परिवारों को मनोवैज्ञानिक सलाह भी मुहैया करवाती है. चीन की सरकार लगातार उपासना पद्धतियों के खिलाफ ऑनलाइन कैंपेन चलाती रही है.