चित्रकूट: हत्या के बाद धारा 144 लागू, बीजेपी से संबंध का आरोप
मध्य प्रदेश में सतना जिले के चित्रकूट से 12 दिन पहले स्कूल बस से अपहृत किए गए छह वर्षीय जुड़वां भाइयों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई है. दोनों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी में तैरते मिले. इस मामले में दो इंजीनियरिंग छात्र और एक ट्यूशन पढ़ाने वाले सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए दो इंजीनियरिंग छात्रों में से एक बजरंग दल के क्षेत्रीय नेता का भाई है.
इस वारदात के बाद चित्रकूट के सदगुरु सेवा ट्रस्ट में लोगों ने तोड़-फोड़ की. इलाकें में धारा 144 लागू कर दिया गया है.करीब 15 सौ पुलिस की भी तैनाती की गई है.
जुड़वा भाईयों के अपहरण और हत्या के बाद राज्य में सियासी पारा भी उफान पर है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा,”हम निश्चित ही दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे.”
कमलनाथ ने मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “अपराधियों को पकड़ लिया गया है. सब सबूत सामने आ गए हैं. वे कौन सी गाड़ी में घूम रहे थे, इस गाड़ी में किसका झंडा था, ये सब बातें सामने आ रही हैं. पुलिस इसका अभी खुलासा कर रही है. विपक्षी डरे हुए हैं, क्योंकि इसमें उनके कई लोग जुड़े हुए हैं. वारदात में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा”
वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा, “मध्य प्रदेश शांति का टापू था. आज अपराध का महाद्वीप बन गया है. आज मन में ऐसी पीड़ा है कि शब्दों में बयान नहीं कर सकता. चित्रकूट में पिछले दिनों दो मासूम बेटे श्रेयांश और प्रियांश का दिन-दहाड़े अपहरण हुआ. उनके सुरक्षित वापस लौट आने की अपेक्षा थी लेकिन खबर ऐसी मिली कि मन वेदना से भर गया.”
रीवा के पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर और सतना पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर ने चित्रकूट में संवाददाताओं को बताया, “जुड़वां भाइयों के शव उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के बबेरू गांव के पास यमुना नदी में 23 फरवरी को देर रात पानी में तैरते मिले. आरोपियों ने 21 फरवरी को इनकी हत्या कर दी थी. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन्हें आरोपियों ने लोहे की जंजीरों से बांध कर यमुना नदी के उगासी घाट में फेंका था,”
उन्होंने कहा कि दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बांदा अस्पताल भेज दिया गया है.
शेखर ने बताया कि इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें इस घटना का मास्टरमाइंड पदम शुक्ला (22), राजू द्विवेदी, लकी सिंह तोमर, रोहित द्विवेदी (24), रामकेश यादव (26) एवं पिन्टू ऊर्फ पिंटा यादव (23) को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी पदम शुक्ला चित्रकूट निवासी है और उसका छोटा भाई विष्णु कांत शुक्ला बजरंग दल का क्षेत्रीय संयोजक है. गिरफ्तार किए गए बाकी पांचों आरोपी उत्तरप्रदेश के बांदा और हमीरपुर जिलों के रहने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि पदम और लकी आईटी से स्नातक कर रहे हैं, जबकि रामकेश मारे गए दोनों बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था.
शेखर ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 17.67 लाख रुपये नकद, घटना में प्रयुक्त किया गया कट्टा, तीन मोटरसाइकिल और एक बोलेरो जब्त किया है. उन्होंने कहा कि जब्त की गई बोलेरो में भाजपा का झंडा लगा हुआ था, जबकि एक मोटरसाइकिल में ‘राम राज्य’ लिखा हुआ था.
पुलिस ने बताया कि अपहर्ताओं ने दोनों भाइयों प्रियांश और श्रेयांश के तेल कारोबारी पिता बृजेश रावत से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. पिता ने पुलिस को बताए बिना 20 फरवरी को 20 लाख रुपये अपहर्ताओं को दे भी दिए थे. ये दोनों बच्चे उत्तर प्रदेश के कर्वी जिले के रामघाट के रहने वाले थे और वहां से रोजाना बार्डर पार कर मध्य प्रदेश के चित्रकूट में चार किलोमीटर दूर बस से स्कूल आया जाया करते थे.
चित्रकूट के सदगुरु पब्लिक स्कूल में यूकेजी में पढ़ने वाले इन दोनों भाइयों का अपहरण मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने 12 फरवरी को उस वक्त स्कूल परिसर से ही कर लिया था, जब वे स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपने घर वापस आने के लिए अन्य बच्चों के साथ स्कूल बस में बैठे हुए थे.
शेखर ने कहा कि अपहरण करने के बाद शुरुआत में बच्चों को चित्रकूट में एक-दो दिन रखा गया और बाद में उन्हें बांदा जिले में विभिन्न स्थानों पर जगह बदल-बदल कर रखा गया था. 19 फरवरी को अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के परिजन से उनकी बात भी कराई थी.
शेखर ने बताया कि 13 फरवरी एवं इसके बाद कई बार आरोपियों ने अपहृत बच्चों के पिता बृजेश के फोन पर दो करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की. फिरौती की मांग ये आरोपी राह चलते हुए लोगों से मोबाइल मांग कर किया करते थे, इसलिए पकड़े नहीं जाते थे.
शेखर ने कहा कि जिस राहगीर का इन आरोपियों ने फिरौती मांगने के लिए मोबाइल उपयोग किया, उनमें से एक को इन पर शंका हो गई थी और उसने इनकी मोटरसाइकिल का नंबर अपने मोबाइल से फोटो लेकर कैद कर लिया था. इस मोटरसाइकिल का पंजीयन उत्तर प्रदेश में हुआ था. पुलिस इसी के आधार पर बांदा जिले के बबेरू थाना इलाके स्थित आरोपी रोहित द्विवेदी के घर भवुआ अंस तक पहुंची और उसने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों पदम एवं लकी के साथ दोनों बच्चों के अपहरण को अंजाम दिया था, जिसके बाद उन्हें एवं इसमें सहयोग करने वाले अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि इन आरोपियों ने कबूल किया कि बच्चों के द्वारा पहचान लेने के डर से उन्होंने दोनों की हत्या कर उनके शव को ग्राम बबेरू में यमुना नदी में फेंक दिया है. बाद में पुलिस ने दोनों शवों को नदी से बाहर निकाला.
शेखर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और विस्तृत जांच जारी है.