नागरिकता कानून, एनआरसी का भारतीय मुसलमानों से लेना-देना नहीं: मोदी


modi govt may continue its hindu nationalist agenda rather than economic reforms says report

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विरोधियों पर लोगों के बीच डर फैलाने और नागरिकता संशोधन कानून पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार की योजनाओं में कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया.

रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) का भारतीय मुसलमानों से कुछ लेना देना नहीं है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक झूठ फैलाया जा रहा है कि यह सरकार लोगों के अधिकार को छीनने के लिए एक कानून लेकर आई है.

मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले और देश की जनता द्वारा नकार दिए गए दलों ने गलत इरादे से नापाक खेल है और ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये कानून उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं. किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए यह कानून हैं.’

मोदी ने कहा कि ये संसद में बोला गया है. इस कानून का इस देश के अंदर रह रहे 130 करोड़ लोगों से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है. ये रियायत तब की भारत की सरकार के वादे के मुताबिक है.


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