यौन उत्पीड़न के मामले में सीजेआई रंजन गोगोई को क्लीन चिट
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में आंतरिक जांच कमिटी ने कुछ ठोस प्रमाण मिलने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिलाकर्मी ने सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. जिसके बाद आरोप की जांच करने के लिए आंतरिक कमिटी गठित की गई थी.
जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली कमिटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ कोई मजबूत आधार नहीं मिला है. जस्टिस इंदिरा बनर्जी और इंदू मल्होत्रा कमिटी के दो अन्य सदस्य हैं.
इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए कमिटी ने कहा कि आंतरिक कार्यवाही के आधार पर रिपोर्ट बनाया गया है जिसे सार्वजनिक करने की बाध्यता नहीं है.
प्रशांत भूषण ने सीजेआई को क्लीन चिट दिए जाने को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताया है. उन्होंने ‘सरप्रजाइज’ के साथ ट्वीट किया, “सीजेआई के सहकर्मियों ने कैमरा के सामने (बिना रिकार्डिंग किए) अनौपचारिक कार्यवाही में, शिकायतकर्ता के वकील या सहयोगी को आने की अनुमति के बगैर(बाहर जाने के लिए विवश किया गया), जल्दबाजी में मुहरबंद लिफाफे में सीजेआई को क्लीन चिट दे दी है.
शिकायत करने वाली महिला ने फैसले से असहमति जताई है. एक पत्र में उन्होंने कहा है कि यह जानकर कि आंतरिक जांच कमिटी को मेरी शिकायत में कोई मजबूत आधार नहीं मिल पाया है मुझे ना सिर्फ भारी दुख हुआ है बल्कि भारत की एक महिला नागरिक होने के नाते मेरे साथ बहुत अन्याय हुआ है.