सेना के कर्नल और 30 जवानों पर गांव वालों को आतंकित करने के आरोप में एफआईआर
प्रतीकात्मक तस्वीर
महाराष्ट्र में सेना के एक अधिकारी पर सशस्त्र जवानों की मदद से अपने गांव की विवादित कृषि भूमि पर फसल को कथित रूप से बर्बाद करने और हथियारों की मदद से लोगों को डराने का मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक एक महिला की शिकायत पर खेड़ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया. महिला ने शिकायत में कहा है कि सेना में कर्नल के पद पर कार्यरत अधिकारी ने पुणे जिले के खेड़ तालुका में स्थित भूमि पर फसल बर्बाद की.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कर्नल के भाई और शिकायतकर्ता के रिश्तेदार सुनील भारने के बीच गुलानी गांव की इस जमीन के स्वामित्व को लेकर लड़ाई चल रही है और यह मामला खेड़ के एसडीएम के समक्ष लंबित है.
बीती 14 जून को कर्नल के भाई और पिता तथा भारनी परिवार के सदस्यों के बीच विवाद हो गया था. विवाद बढ़ने के बाद पुलिस को बुलाना पड़ा था, जिसने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला था.
भारने का जमीन के 7/12 हिस्से पर हक है और उन्होंने इसमें सोयाबीन बोया हुआ था.
पुलिस अधिकारी ने कहा, “हैदराबाद में तैनात कर्नल 22 जून को वर्दी में मौजूद 30 से 40 सशस्त्र जवानों को सेना के चार ट्रकों में विवादित भूमि पर लेकर आए और उनकी मौजूदगी में एक ट्रैक्टर के जरिए खेत की जुताई कर फसल बर्बाद कर दी गई.’’
शिकायकर्ता का दावा है कि उसके रिश्तेदारों को डराने के लिए कर्नल जवानों के साथ गांव से होकर गुजरे.
उधर कर्नल का दावा है कि उसने ऐसा कोई काम नहीं किया है. पुलिस एफआईआर उसे फंसाने के लिए रची साजिश के तहत की गई है. इस घटना के समय कर्नल छुट्टी पर थे.
पुने पुलिस एसपी संदीप पाटिल ने कहा, “घटना के समय सभी जवान सेना की वर्दी में थे और हथियारों के साथ थे. इस दौरान वे गांव में सेना की गाड़ियों में पहुंचे. उनके साथ कर्नल और उनका परिवार भी था. कर्नल का परिवार जब टैक्टर की मदद से फसल को जोत रहा था तब सैनिक गार्ड के रूप खेत के चारों ओर खड़े किए गए. फिलहाल हमने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की जांच होनी है.”
पुलिस अधिकारी ने बताया कि कर्नल की तैनाती हैदराबाद में है वहीं जवान नासिक से कथित तौर पर बुलाए गए थे.
सेना के पुणे स्थित दक्षिणी कमान के सूत्रों ने कहा कि वे इस घटना की जांच कर रहे हैं.