येदियुरप्पा के वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया


karnataka government postpone compensation to deceased in anti caa protest till inquiry ends

 

कांग्रेस ने कुछ कथित वीडियो का हवाला देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना चाहिए.

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि इस मामले पर उच्चतम न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए और आने वाले दिनों में कांग्रेस इन ‘नये साक्ष्यों’ के साथ शीर्ष अदालत का रुख भी करेगी.

येदियुरप्पा के खिलाफ कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ”येदियुरप्पा के नए वीडियो सामने आए हैं जिनमें कांग्रेस और जद(एस) विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात हो रही है. हम कहते आ रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के तहत बीजेपी विरोधी विधायकों को खरीदने और विरोधी दलों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. अब येदियुरप्पा के वीडियो से यह सिद्ध भी हो गया है.”

उन्होंने कहा, ” यह बहुत चिंता का विषय है कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि फैसला बगावत करने वाले विधायकों के पक्ष में होगा और वो चुनाव लड़ सकते हैं. इसका क्या मतलब है? क्या उनको यह भरोसा है कि वह उच्चतम न्यायालय का दुरुपयोग कर सकते हैं?”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा,” हम आशा करते हैं कि उच्चतम न्यायालय इसका संज्ञान लेगा. हम भी ताजा सबूत के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.”

उन्होंने यह भी कहा, ”हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से जवाब चाहते हैं. देश के लोग भी इनसे जवाब की उम्मीद कर रहे हैं.”

वहीं जनता दल (एस) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि उस वीडियो से एक पार्टी के रूप में बीजेपी बेनकाब हो गई जिसमें मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के अंतिम दिनों में दोनों पार्टियों के बागी विधायकों को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की निगरानी में ही मुंबई में रखा गया.

इन विधायकों को बाद में अयोग्य ठहरा दिया गया था.

वायरल हुए इस वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने वीडियो के तथ्यों के आधार पर अदालत में एक याचिका दायर करने का निर्णय किया है.

बेंगलुरू प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम के दौरान कुमारस्वामी ने पत्रकारों से कहा, ”हमने पहले ही तय कर लिया है कि उसमें (साझा की गई वीडियो में) जो भी सामग्री है, हम अदालत में याचिका दायर करने जा रहे हैं.”

उन्होंने अयोग्य ठहराये गये विधायकों द्वारा दायर मामले का जिक्र किया. इन विधायकों ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रूख किया है.

ये विधायक पांच दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ना चाहते हैं.

इस कथित वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि वह किसी तरह की जांच की मांग नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें उससे निकलने वाले निष्कर्षों पर संदेह है.

कुमारस्वामी ने कहा कि किसी जांच से कोई मदद नहीं मिलने जा रही है. पूर्व केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त एन विट्टल ने जांच एजेंसियों के काम करने के तरीके पर जो कुछ लिखा है, उससे उन्हें यकीन है कि कुछ नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि इस वीडियो के बाद पार्टी के रूप में बीजेपी बेनकाब हो गई है. अब खुद येदियुरप्पा ने सच उगल दिया है.

उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा ने स्वीकार किया है कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) इन 15 विधायकों को ले गए और विधानसभा से इस्तीफा देने के लिए उन्हें मजबूर किया. यहां बीजेपी सरकार बनाने के लिए दो महीनों तक इन विधायकों को मुंबई में रखा गया.

पूर्व मुख्यमंत्री ने येदियुरप्पा से उनके बयानों के लिए स्पष्टीकरण मांगा है.

बेलगावी में हाल में दिये गये अपने उस बयान के बारे में, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह नहीं चाहते है कि सरकार गिरे, कुमारस्वामी ने कहा कि वह चाहते है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य जारी रहे और सरकार गिराये जाने का कोई भी प्रयास बाढ़ पीड़ितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा.


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