अर्थव्यवस्था की सुस्ती से उबरने के लिए सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं : आनंद शर्मा


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अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संवाददाता सम्मेलन को ”निराशाजनक और नीरस” करार देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि निर्मला सीतारमण इस संकट को लेकर बेखबर हैं और इससे उबरने के लिये सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं है.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में आर्थिक संकट को देखते हुए सरकार से उम्मीद थी कि सरकार अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी, लेकिन वित्त मंत्री के एलान में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया.

सीतारमण ने अपने बयान में कहा था कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2.5 से 4 प्रतिशत के बीच की मुद्रास्फीति सुरक्षित मानी जाती है और इसे चार प्रतिशत के तहत किया गया है.

आनंद शर्मा ने कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो कुछ महीनों में ही अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश को अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ सकता है.

उन्होंने कहा, ”देश की वित्त मंत्री का संवाददाता सम्मेलन निराशाजनक और नीरस था. देश की आर्थिक स्थिति और संकट को देखते हुए ऐसे कदम की उम्मीद थी जिससे चीजें सही हों और नई शुरुआत हो. लेकिन कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया जिससे यह लगे कि अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है.”

उन्होंने दावा किया कि वित्त मंत्री इससे बेखबर हैं कि अर्थव्यवस्था को इस संकट से कैसे उबारा जाएगा.

शर्मा ने कहा, ”वित्त मंत्री को देश के अर्थतंत्र की गाड़ी आगे की ओर चलाने की जिम्मेदारी मिली है. उन्हें रिवर्स गीयर में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए.’

उन्होंने दावा किया, ” सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं है. 23 अगस्त को जो घोषणा हुई थी उसके बाद कुछ नहीं हुआ. हालात में सुधार के बजाय खराबी आई है. वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है. लाखों नौकरियां चली गईं हैं. ”

वित्त मंत्री सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मंत्रियों के बयानों ने देश को चौंका दिया है…. वे संकट के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसके लिए वित्त मंत्री ने क्षमा भी नहीं मांगी. देश के लोगों को इतना बड़ा अपमान किसी मंत्री ने नहीं किया.”

उन्होंने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था की यही स्थिति रही तो कुछ महीनों में देश के सामने अभूतपूर्व संकट होगा. इसके लिए सरकार की कोताही और अहंकार जिम्मेदार होगा.

शर्मा ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों में 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने की बात की, वित्त मंत्री ने भी इस बारे में की और वाणिज्य मंत्री ने भी बात की. अब कौन सी जादू की छड़ी है कि इतने कम समय में देश यहां तक पहुंच जाएगा. हमने बार-बार कहा है कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर साल जीडीपी विकास की दर नौ फीसदी होनी चाहिए.”

उन्होंने यह आरोप भी लगाया, ”विरोधी दलों खासकर कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई की जा रही है. इस सरकार की जो आलोचना करता है उसे एन्टी नेशनल घोषित कर दिया जाता है. यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. इससे देश की छवि खराब होती है.”


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