झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम में बनी सीटों पर सहमति
आगामी आम चुनाव के मद्देनजर झारखंड में महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है. खबरों के अनुसार, लोकसभा चुनाव की कुल 14 सीटों में कांग्रेस सबसे ज्यादा 7 और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
इसके अलावा जेवीएम 2 और आरजेडी को 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी. गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर इस सिलसिले में बैठक हुई. जेवीएम 2 सीट मिलने से काफी नाराज है. जेवीएम के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने तो चुनाव से पहले गठबंधन तोड़ने तक की बात कह दी है.
राहुल गांधी ने इस सिलसिले में जेएमएम के प्रमुख हेमंत सोरेन से मुलाकात की. राहुल के साथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार और झारखंड में पार्टी के सूत्रधार आरपीएन सिंह भी मुलाकात में शामिल हुए.
मुलाकात के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस समिति (जेपीसीसी) के सूत्रों ने कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और आरजेडी के गठबंधन वाले चुनावी ढांचे की पुष्टि की.
जेपीसीसी के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने एक बयान कहा, “ये तय किया गया है कि 2019 आम चुनाव में कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और गठबंधन की अगुवाई करेगी. वहीं विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों के साथ जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अपनी पार्टी की अगुवाई करेंगे. हालांकि ये फैसला लेते समय जेवीएम और आरजेडी के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे.
झारखंड में राजद के पास एक भी विधायक नहीं है. जाहिर है कि लालू यादव के आदेश पर पार्टी राज्य में सीटों के बंटवारे में जगह बनाने में कामयाब रही.
राज्य में गठबंधन के चुनावी ढांचे पर बाबूलाल मरांडी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वो इससे सहमत नहीं हैं. उन्होंने जोड़ा कि वे औपचारिक रूप से कांग्रेस से इस बारे में जानना चाहते हैं.
मरांडी ने कहा, “जिस तरह से वे सबकुछ कर रहे हैं, वे हर सीट पर हार जाएंगे. इसलिए हम क्यों ऐसे गठबंधन के साथ रहें, जो हारने वाला हो. इससे बेहतर है कि हम अपनी सारी ताकत वहां लगाएं, जहां हम बीजेपी को हराने में असरदार साबित हो सकते हैं.” उन्होंने जोड़ा , “शुरुआत से हमारी मांग रही थी कि हमें गोड्डा, कोडरमा और छतरा लोकसभा सीट दी जाए. अडानी पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के चलते प्रदीप यादव ने गोड्डा में पांच महीने जेल में काटे. लेकिन, कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि वह गोड्डा सीट से लड़ना चाहती है.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को समझना चाहिए कि हमारे आंदोलन के बाद गोड्डा का परिदृश्य काफी बदल चुका है. उन्होंने कहा कि फुरक़ान अंसारी को 2020 में होने वाले राज्यसभा चुनाव में सीट देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि हम कोडरमा सीट छोड़ने के लिए भी तैयार हैं.
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि कांग्रेस राज्य में बीजेपी को हराने के प्रति गंभीर नहीं है.”
वहीं, कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि जेवीएम के आग्रह पर कोडरमा सीट से लगातार उपविजेता रहे सीपीआईएमएल-लिबरेशन को गठबंधन से बाहर होना पड़ा. कोडरमा जेवीएम की परंपरागत सीट रही है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम वाम दलों (जिनमें दो विधायक हैं) को शामिल करने का विकल्प देख रहे हैं.”