कांग्रेस ने असम में फर्जी एनआरसी आपत्तियों पर की कार्रवाई की मांग
असम के कोकराझार में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अधिकारियों द्वारा लगातार नोटिस भेजे जाने और लोगों के बीच बढ़ते असंतोष के चलते कांग्रेस ने जिला नागरिक पंजीकरण रजिस्ट्रार को एक ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेस ने ‘मनमाने’ तरीके से भेजे जा रहे इन नोटिसों पर रोक लगाने की मांग की है.
अपने ज्ञापन में जिला कांग्रेस समिति ने आरोप लगाया कि एनआरसी का पूर्ण मसौदा तैयार करने के दौरान अल्पसंख्यकों के दस्तावेजों का उचित सत्यापन किए जाने के बाद भी उन्हें परेशान किया जा रहा है. मसौदा पिछले साल प्रकाशित हुआ था.
एनआरसी का लक्ष्य असली नागरिकों को ‘अवैध प्रवासियों’ से अलग करना है. इस पंजी का संपूर्ण मसौदा जुलाई, 2018 में प्रकाशित हुआ था, जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 40.07 लाख नाम हटा दिये गए थे.
जो लोग मसौदे में फिर अपना नाम जोड़ने के लिए दावा पेश करना चाहते थे, उनको 31 दिसंबर, 2018 तक मौका प्रदान किया गया था.
साथ ही इस अवधि के दौरान जिन लोगों को संदेह था कि विदेशियों ने इस सूची में जगह पा ली है, उन्हें अपनी आपत्तियां दर्ज कराने का भी मौका दिया गया था.
कांग्रेस के ज्ञापन में दावा किया गया है कि निहित स्वार्थ वाले ‘फर्जी’ लोग शिकायतें और आपत्तियां कर रहे हैं और उसके आधार पर अधिकारी असली नागरिकों को नोटिस जारी कर रहे हैं.
पार्टी का आरोप है कि शिकायतकर्ता उनकी अर्जियों पर सुनवाई के दौरान अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए.