रिपोर्टर डायरी: संजय निरुपम संयम बरतें, ख्याली पुलाव नहीं पकाएं


congress reaction on sanjay nirupam

 

कांग्रेस दफ्तर पर हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की तीन अक्टूबर को कॉस्टिट्यूशन क्लब की ब्रीफिंग चर्चा का विषय रही. हरियाणा कांग्रेस से जुड़े नेता भी तंवर पर चुटकी लेने से नहीं चूके. एक नेता ने कहा कि भाई जान यह सोनिया गांधी है.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव ने नाम न लेन की शर्त पर कहा कि तंवर ने अपना बड़ा नुकसान कर लिया है. अगर तंवर ने आज बगावत नहीं की होती तो वो मेरी जगह कुछ समय बाद होते. जो व्यक्ति पांच साल पीसीसी अध्यक्ष रहा हो, एनएसयूआई से आता है राहुल गांधी और सोनिया गांधी के यहां अच्छी छवि रखता हो, उसने थोड़े सब्र से काम नहीं किया. अगर किया होता तो कुछ समय बाद ही बड़े पद पर होता. लेकिन आज वो बीजेपी की जबान बोल रहे हैं. उनकी यही बात किसी को बर्दाश्त नहीं है.

वहीं, संजय निरुपम को पार्टी बाहर से लाई और प्रदेश अध्यक्ष जैसा बड़ा पद दिया, पार्टी की गलती थी आज भुगत रही है. सच तो यह है कि कहीं कांग्रेस का पॉलिटिकल मैनेजमेंट भी कमजोर है जो चीजें घट रहीं है उनको बचाया जा सकता है.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने टिकट वितरण से नाराज संजय निरूपम को नसीहत दी है कि उन्हें संयम बरतना चाहिए और षड्यंत्र की कहानी गढ़ने और ख्याली पुलाव पकाने से बचना चाहिए.

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह सवाल भी किया कि मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निरुपम उस वक्त सवाल क्यों उठा रहे हैं जब एक सीट पर उनकी पसंद के मुताबिक टिकट नहीं दिया गया है?

उन्होंने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के बारे में भी यही कहा कि उन्हें भी संयम बरतना चाहिए.

निरुपम के बयान के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा, “मैंने संजय निरुपम का ट्वीट देखा. ऐसा लगता कि वह अपनी सिफारिश के मुताबिक एक टिकट नहीं मिलने से नाराज थे. संजय निरुपम वरिष्ठ नेता हैं और उनको संयम से काम लेने की जरूरत है. षड्यंत्र वाली कहानी बताने से कुछ फायदा नहीं होने वाला है.”

उन्होंने कहा, “जब टिकट का वितरण होता है तो कई बार ऐसा होता है कि हम जिसका नाम सुझाते हैं तो उसे टिकट नहीं मिलता.”


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