भारतीयों की घरेलू संपत्ति में बेहद कम बढ़ोतरी: रिपोर्ट


acute liquidity squeeze chocking sales in rural markets says hul

 

सोमवार को जारी क्रेडिट स्विस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल जुलाई से इस साल 30 जून तक लोगों की ‘वेल्थ क्रिएशन’ ना के बराबर बढ़ी है. इसके अलावा घरेलू ऋण में भी इजाफा हुआ है.

बीते एक साल के दौरान भारत का कुल घरेलू धन 5.2 फीसदी (डॉलर में) बढ़ा है. प्रति वयस्क कुल संपत्ति 3.3 फीसदी बढ़ी है.

यह बीते 20 सालों के औसत 11 फीसदी के मुकाबले काफी बड़ी गिरावट है.

हालांकि, भारत वेल्थ क्रिएटर्स के मामले में विश्व के कई देशों के मुकाबले सबसे तेजी से बढ़ रहा है. यहां घरेलू संपत्ति डॉलर में तेजी से बढ़ रही है.

वेल्थ क्रिएशन में सुस्ती आने को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने से भी जोड़ा गया है. 30 जून तक भारतीय अर्थव्यवस्था बीते छह सालों में सबसे निचले स्तर पर थी. निजी उपभोग व्यय में बढ़ोतरी भी बीते 18 तिमाही के मुकाबले जून में 3.1   फीसदी के साथ सबसे निचले स्तर पर थी.

रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में भारत में घरेलू चल संपत्ति में 6.9 फीसदी के दर से बढ़ोतरी हुई थी, जबकि अचल संपत्ति महज 1.4 फीसदी ही बढ़ी थी.

इससे पहले वर्ष 2017-18 में घरेलू संपत्ति की बढ़ोतरी में कमी दर्ज की गई थी. उस वर्ष रुपया के कमजोर होने की वजह से 2.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. 7 से 8 फीसदी के साथ बढ़ने वाली संपत्ति मूल्यों में रुपया में 5 फीसदी मुद्रा मूल्यह्रास (करेंसी डेप्रिसिएशन) से बड़ा झटका लगा था.

वर्ष 2018-19 में भारतीय संपत्ति के मूल्यों में करीब 6 फीसदी के साथ बढ़ोतरी हुई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक 21 अक्टूबर तक अनुमानित प्रति वयस्क भारतीय के पास 10.31 लाख की संपत्ति है.

रिपोर्ट के मुताबिक 78 फीसदी भारतीय वयस्क के पास 10,000 डॉलर से कम की संपत्ति है. दूसरी ओर 1.8 फीसदी आबादी के पास 100,000 डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है.

भारत में 1,790 वयस्कों के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है. भारत में विश्व के 2 फीसदी अरबपति रहते हैं.

भारतीय औसतन 3,000 डॉलर चल संपत्ति और 13,000 डॉलर अचल संपत्ति के मालिक हैं. इसके अलावा प्रति वयस्क 1,345 डॉलर का कर्ज भी है.

क्रेडिट स्विस की रिपोर्ट में इस बात का भी पता चला है कि 2018-19 में घरेलू संपत्ति में बढ़ोतरी की खास वजह घरों की बिक्री के लिए बढ़े दाम थे.

आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड में वरिष्ठ साझेदार गौरव अवस्थी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट से रिटर्न कम हुआ है और यह एक प्रमुख कारक है जिसने घरेलू संपत्ति के विकास में गिरावट आई है.’


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