कोटा में बच्चों की मौत: सोनिया ने ली जानकारी, मायावती और बीजेपी का गहलोत सरकार पर निशाना


Death of children in Kota: Sonia took information, Mayawati and BJP target Gehlot government

 

कोटा के सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने का संदेश दिया तो बसपा अध्यक्ष मायावती और बीजेपी की प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, कोटा के एक सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर दुख जाहिर करते हुए सोनिया ने पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे से स्थिति की जानकारी ली और उनके माध्यम से राज्य सरकार को यह संदेश दिया कि इस मामले में और ठोस कदम उठाए जाएं.

सोनिया से मुलाकात के बाद पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष के पास एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है.

उन्होंने कहा, ”आज की मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. सोनिया जी कोटा के मामले पर चिंतित हैं.”

इस मामले में बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया ”कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं की गोद उजड़ना अति-दुःखद और दर्दनाक है. उस पर वहां के मुख्यमंत्री गहलोत और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील तथा गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है.”

उन्होंने अगले ट्वीट में कहा ”उससे भी ज्यादा दुःखद है कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना. अच्छा होता कि वह उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान जाकर उन गरीब पीड़ित मांओं से भी मिलतीं, जिनकी गोद उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई.”

एक अन्य ट्वीट में बसपा नेता ने कहा ”यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं तो उत्तर प्रदेश में किसी भी मामले में पीड़ितों के परिवार से उनकी मुलाकात राजनैतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे जनता को सर्तक रहना है.”

गहलोत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा है, ” जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है. हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे. मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.”

मुख्यमंत्री ने लिखा है, ”राजस्थान में बच्चों के आईसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी. कोटा में बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी.”

गहलोत के अनुसार ”निरोगी राजस्थान’ हमारी प्राथमिकता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है.”

उन्होंने लिखा है, ”हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए तैयार हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले में मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा, ‘अभी तो सरकार खुद हिम्मत नहीं जुटा पा रही कि वहां जाए. सरकार का कोई चिकित्सा मंत्री या वहीं के कैबिनेट मंत्री का अस्पताल नहीं जाना अफसोसजनक है. मुख्यमंत्री का रवैया का चौंकाने वाला है क्योंकि उन्हें राजस्थान का गांधी कहा जाता है और उनकी संवेदनशीलता की मिसाल दी जाती है.”

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस पार्टी बच्चों की मौत पर सियासत कर रही है. हमारे तीन तीन प्रतिनिधिमंडल वहां गए. हम बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं कर रहे, लेकिन सरकार को चेत जाना चाहिए. इतना होने के बावजूद सरकार चेती नहीं जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.”

गौरतलब है कि कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम नौ और शिशुओं की मौत हो गई. इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या करीब 100 हो गई है.


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