निर्भया गैंगरेप: अदालत ने अगले आदेश तक दोषियों की फांसी पर रोक लगाई


delhi hc reserves its order in nirbhaya case

 

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश पर रोक लगा दी है.

इससे पहले इस मामले में चार दोषियों मुकेश सिंह, गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक फरवरी सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी द्वारा उसके नाबालिग ना होने के आदेश के खिलाफ डाली गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी.

अदालत के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चुनौती दी है कि उन्हें कभी भी फांसी नहीं होगी. मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी ही पड़ेगी.’

इससे पहले राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज हो जाने पर एक दोषी की तरफ से डाली गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को खारिज कर दिया था.

दोषी मुकेश सिंह की इस याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस आर भानूमति, अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना की बेंच ने कहा, ‘परिणाम के तौर पर हमने पाया है कि राष्ट्रपति के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है.’

अपनी याचिका में मुकेश सिंह ने कहा था कि दया याचिका पर फैसला लेने के लिए राष्ट्रपति के सामने पूरी सामग्री पेश नहीं की गई.

16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती हुई बस में 23 वर्षीय युवती का गैंगरेप किया गया था. उस दौरान उसे मारा गया और बाद में सड़क पर फेंक दिया गया. सिंगापोर के एक अस्पताल में 29 दिसंबर, 2012 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.


Big News