ई-कॉमर्स के नए नियमों से नाराज अमेरिका?


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भारत की ओर से ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बनाए गए नए नियमों पर अमेरीका ने आपत्ति जताई है. न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, अमेरीका ने कहा है कि इससे अमेजॉन और वॉलमार्ट के भारत में निवेश पर असर पड़ेगा. अमेरिका ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है जब दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते नाजुक मोड़ से गुजर रहे हैं.

भारत ने ई-कॉमर्स निवेश के लिए नए नियम बनाए हैं. इसके मुताबिक, फ्लिपकार्ट और अमेजॉन ऐसी कंपनियों के उत्पाद नहीं बेच सकेंगी जिनमें वे हिस्सेदारी रखती हैं.

साथ-साथ नए नियमों में एक्सक्लूजिव मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है. इससे इन ऑनलाइन माध्यमों पर उपलब्ध उत्पादों की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं.

सरकार का तर्क है कि इस बदले नियमों का उद्देश्य लघु कंपनियों और कारोबारियों के हितों की रक्षा करना है. लघु कारोबारी कंपनियां फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट को अपने लिए बड़ी चुनौती की तरह देखती हैं. उनका मानना है कि ई-मार्केट से छोटे उद्योगों के विस्तार के लिए जगह घट गई है.

यह नए नियम फरवरी, 2019 से लागू होने हैं.

इस नियम से सबसे बड़ा झटका वॉलमार्ट को लगा है. वॉलमार्ट ने पिछले साल 16 बिलियन डॉलर का निवेश किया था. जिसमें से 77 फीसदी फ्लिपकार्ट और अमेजॉन में किया गया था. इस से अब उन्हें भारत में अपने बिजनेस को अलग तरह से विस्तार देना होगा.

वैसे आम चुनाव के मद्देनजर ये आसार कम हैं कि मोदी सरकार इन नए नियमों में कोई बदलाव करेगी. ऐसा करने से उनके लाखों लघु कारोबारी नाराज हो सकते हैं जिसका सीधा असर आम चुनाव पर पड़ेगा.

जानकार मान रहे हैं कि चुनाव से ठीक पहले छोटे कारोबारियों को निराश करना केंद्र सरकार के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है.

फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट का भारत में कारोबार 2027 तक 30 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. साल 2027 तक यह लगभग 200 बिलियन डॉलर का हो जाएगा.


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