चुनाव आयोग ने खारिज की विपक्षी दलों की मांग
चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की मतगणना से पहले वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग को खारिज कर दिया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐसा करने से चुनाव परिणाम आने में दो से तीन दिन का समय लगेगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2019 को आदेश दिया था कि प्रत्येक विधानसभा के किन्हीं पांच पोलिंग स्टेशनों की वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम के साथ होगा.
22 विपक्षी दलों ने मतगणना शुरू करने से पहले वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग की थी. चुनाव आयोग को दिए गए मेमोरेंडम में विपक्षी पार्टियों ने वीवीपैट स्लीप और ईवीएम के नतीजे अलग-अलग होने की सूरत में पूरे विधानसभा में ईवीएम और पर्ची का मिलान करने की मांग की थी.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, “हमने चुनाव आयोग को कहा है कि वीवीपैट और ईवीएम से गिनती का मिलान होना चाहिए, अगर उनमें कोई अंतर होता है तो पूरे विधानसभा में मिलान होना चाहिए.”
वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग से पिछले एक महीने से समय मांगने के बावजूद 22 मई को मिलने के लिए समय मिला है.
इसके साथ तेलुगू देशम पार्टी(टीडीपी) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा था, “हम चुनाव आयोग से लोगों के मत के सम्मान की मांग करते हैं. इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.”
वहीं बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) नेता सतीश चंद्र मिश्र ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश में ईवीएम को लेकर बड़े स्तर पर घपलेबाजी हो रही है. हमने केन्द्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की मांग की है.