चुनाव आयोग ने पचास फीसदी वीवीपैट की गिनती का विरोध किया


ec bans anurag thakur for three and pravesh verma for four days

 

निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट से कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है. आयोग ने कहा कि वह किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार के लिए तैयार है जिससे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने में सुधार में मदद मिलती हो.

निर्वाचन आयोग ने 21 विपक्षी नेताओं की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे वीवीपैट की पर्चियों की अचानक गणना संबंधी मौजूदा व्यवस्था में बदलाव के लिए एक भी ठोस आधार बताने में असमर्थ रहे हैं.

विपक्षी नेता चाहते हैं कि अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाए.

आयोग ने कहा कि सत्यापन के आकार में किसी भी तरह की वृद्धि से विश्वास स्तर पर बहुत ही मामूली फर्क पड़ेगा. विश्वास का वर्तमान स्तर 99.9936 प्रतिशत से अधिक है.

आयोग ने हलफनामे में कहा कि इन याचिकाओं में आगामी चुनाव के मुद्दे उठाए गए हैं जिन पर निर्वाचन आयोग ने विचार किया, अध्ययन किया और निर्णय लिया और इसके बाद वर्तमान तरीके से आगामी चुनाव कराने के बारे में फैसला किया गया.

आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों के नेताओं की याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें इस समय वर्तमान प्रणाली में बदलाव के लिए कोई वजह नहीं बताई गई है.

आयोग ने यह भी कहा कि वर्तमान प्रणाली को आसन्न चुनाव में जारी रहने दिया जाए क्योंकि यह सबसे अधिक उपयुक्त पाई गई है.

निर्वाचन आयोग ने इस समय विधानसभा चुनाव के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र और लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रणाली अपनाई है.

आयोग ने कहा है कि लोकसभा संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र या प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के सत्यापन के लिए गणना में लगने वाला समय करीब छह दिन बढ़ जाएगा. हलफनामे में कहा गया है कि कई विधानसभा क्षेत्रों में 400 से अधिक मतदान केन्द्र हैं जिनके लिये वीवीपैट पर्चियों की गणना पूरी करने में करीब आठ-नौ दिन की जरूरत होगी.

आयोग ने यह वीवीपैट की पर्चियों की फिर से गणना की मांग वे स्वयं ही करते हैं और इससे गणना में लगने वाला समय अधिक बढ़ जायेगा. यही नहीं, बढ़ी हुई वीवीपैट पर्चियों की गणना के लिए चुनाव अधिकारियों के लिये व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी और इसके लिये चुनाव कार्य में तैनात अधिकारियों की संख्या में भी वृद्धि करने की जरूरत पड़ेगी.


Big News