फेसबुक ने ‘श्वेत राष्ट्रवाद’ से जुड़ी हेट स्पीच पर लगाया प्रतिबंध
फेसबुक ने ‘श्वेत राष्ट्रवाद’ और ‘श्वेत अलगावाद’ का प्रसार करने वाली ‘हेट स्पीच’ पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला किया है.
फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर काफी समय पहले ही श्वेत वर्चस्ववाद से जुड़ी सभी तरह की सामग्रियों पर रोक लगाई थी. अब कंपनी ने अपनी प्रतिबंध नीति को आगे बढ़ाते हुए श्वेत अलगावाद और श्वेत राष्ट्रवाद से जुड़ी सामग्रियों को भी इस दायरे में लाने का फैसला किया है.
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फेसबुक ने पहले श्वेत राष्ट्रवाद से जुड़ी सामग्री पर इसलिए रोक नहीं लगाई थी क्योंकि वे इसे ‘राष्ट्रवाद’ और ‘अलगाववाद’ की व्यापक अवधारणाओं से जोड़कर देखते थे.
न्यायिक अधिकार समूहों और शैक्षणिक जगत के लोगों ने फेसबुक की इस समझ को गलत करार देते हुए कंपनी पर अपनी नीतियों में बदलाव करने को कहा था. फेसबुक ने बताया कि अलग-अलग जानकारों से सुझाव लेते हुए वो इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि श्वेत राष्ट्रवाद और अलगाववाद को श्वेत वर्चस्ववाद और प्रायोजित हेट स्पीच से अलग करके नहीं देखा जा सकता है.
न्यूज एजेंसी एपी को दिए एक बयान में वॉशिंगटन डीसी स्थित लॉयर कमिटी फॉर सिविल राइट अंडर लॉ के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक क्रिसटेन क्लार्क ने बताया कि फेसबुक ने आलोचकों से इस संबंध में कई बैठकों के बाद ये नीति बनाई है.
उन्होंने बताया कि बीते समय में अमेरिका में हिंसक श्वेत वर्चस्ववाद में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, इसलिए हम काफी समय से इस तरह के नियम को पारित करवाने की कोशिशें कर रहे थे.
फेसबुक ने बताया कि वो पिछले तीन महीने से इस नीति पर काम कर रहा था. लगभग दो हफ्ते पहले न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च मस्जिद पर हुए हमले के आरोपी ने फेसबुक पर हमले का वीडियो लाइव जारी किया था, जिसके बाद फेसबुक को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. मस्जिद हमले में 49 लोग मारे गए थे.
क्लार्क ने बताया कि श्वेत वर्चस्ववाद के विचार को श्वेत राष्ट्रवाद और अलगावाद से अलग करके देखा जाता है, लेकिन ये अपने आप में भ्रमित करने वाली बात है क्योंकि वास्तव में इन सभी विचारों में कोई अंतर नहीं है.
क्लार्क ने कहा बढ़ती नफरत के दौर में न्यूजीलैंड हमला हम सबके लिए एक बड़ा सबक है कि हमें हिंसत श्वेत वर्चस्ववाद को तकनीक का गलत इस्तेमाल करने से रोकना होगा.