निजता के उल्लंघन मामले में फेसबुक पर पांच अरब डॉलर का जुर्माना


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यूजर्स की निजता के उल्लंघन मामले में अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) ने फेसबुक पर पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. फेसबुक पर आठ करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा चोरी करने का आरोप है.

इस महीने की शुरुआत में फेसबुक पर जुर्माना के विरोध में हुई वोटिंग में दो के मुकाबले तीन वोट से जुर्माने की मंजूरी मिली.

निजता के उल्लंघन मामले में किसी भी फर्म पर एफटीसी की ओर से लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है.

हालांकि असल प्रश्न अब भी बरकरार है कि भविष्य में अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक पर किस तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं और इसके लिए क्या जरूरतें होंगी.

अमेरिकी समाचार पत्र द वाल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार फेसबुक के सीईओ एवं संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को समझौते के क्रियान्वयन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

उन्हें तीन-तीन महीने के अंतराल पर यह प्रमाणित करने के लिए एफटीसी के पास जाना होगा कि उनकी कंपनी समझौते का पालन कर रही है.

वाल स्ट्रीट जर्नल ने कहा कि स्थिति की जानकारी रखने वाले एक अज्ञात सूत्र ने अखबार से कहा कि कोई भी झूठा बयान दंड को आमंत्रित करेगा.

अनुपालन की जिम्मेदारी कंपनी के निदेशक मंडल की भी होगी.

वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि इसके अतिरिक्त एफटीसी समझौते के साथ शिकायत में यह भी बताएगा कि फेसबुक ने फोन नंबरों और चेहरा पहचानने वाले टूल के इस्तेमाल को लेकर किस तरह यूजर्स को गुमराह किया है.

निजता उल्लंघन के मामले में फेसबुक पर पहले भी जुर्माना लगा चुका है. पिछले साल ब्रिटिश सूचना कार्यालय ने फेसबुक पर करीब 4.30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.


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