झारखंड: किसान ने अपने ही बनवाए कुंए में कूदकर दी जान, सरकार पर बकाया ना देने का आरोप


farmer kills self in jharjhand, family blames govt dues

  प्रतीकात्मक चित्र

झारखंड का एक किसान अपने ही बनवाए कुंए में कूद कर मर गया. किसान के परिजनों का कहना है कि उसने कर्ज के दबाव के चलते कुंए में कूदकर आत्महत्या की है.

परिजनों के मुताबिक किसान ने बीते साल मनरेगा योजना के तहत अपने खेत में कुंए का निर्माण करवाया था, जिसमें लागत के एक बड़े हिस्से का प्रबंध उसने खुद किया था. अब प्रशासन उसके खर्च का भुगतान नहीं कर रहा था, जिसके चलते वो काफी दबाव में था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ये मामला रांची के छान्हो प्रखंड के पतारतू गांव का है. जहां 40 साल के मृतक लखन महतो ने बीते साल मनरेगा योजना के तहत कुंए का निर्माण कराया था. इस कुंए को बनवाने में कुल लागत 3.54 लाख रुपये आई थी. जिसमें से करीब दो लाख रुपये सरकार की ओर से दिए गए थे, बाकी का हिस्सा लखन ने खुद से खर्च किया था.

लखन के परिवार के सदस्यों के मुताबिक लखन बाकी के भुगतान के लिए बार-बार ब्लाक के चक्कर लगा रहा था, लेकिन उसके पैसे का भुगतान नहीं किया गया. जिसके चलते वो पिछले कई दिनों से काफी तनाव में था.

रांची पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आशुतोष शेखर ने बताया, “ये आत्महत्या का मामला है. हम ज्यादा जानकारी के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. यहां कुछ गड़बड़ नहीं लग रहा है.”

उधर प्रखंड विकास अधिकारी इसे दुर्घटना बता रहे हैं. बीडीओ संतोष कुमार ने कहा, “लखन शराबी था, इसलिए ये मौत दुर्घटना लग रही है. वह आत्महत्या क्यों करेगा. उसके खाते में पैसे थे और आजीविका के लिए उसके पास पर्याप्त साधन भी थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसकी मौत के कारण को साफ कर सकती है.”

कुमार ने कहा, “लखन का काम हाल ही में पूरा हुआ था और 25 जुलाई को ही वाउचर जमा किया गया था. इसलिए उसे बकाया ना देने का कोई सवाल ही नहीं है.”

मनरेगा की वेबसाइट के मुताबिक कुंए के निर्माण में आई लागत का 1.22 लाख रुपये बकाया है. जो कि लखन को प्रशासन से मिलना था.

लखन के परिजनों का कहना है कि कुंआ बीते साल ही बन गया था, केवल इसकी रेलिंग बननी बाकी थी. लखन पत्नी विमला देवी कहती हैं कि लखन ने इसके लिए रिश्तेदारों से पैसे जुटाए थे, जिसे लौटाने को लेकर वो दबाव में थे.

विमला ने बताया, “शुक्रवार सुबह वो घर से खेत के लिए गए थे, लेकिन वापस शाम तक वापस नहीं लौटे. तब हमने उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया. हम इसको लेकर परेशान थे क्योंकि कर्ज के चलते वो दबाव में थे.”


Big News