अब किसानों को लुभाने की तैयारी में मोदी सरकार


Centre readies big farm relief plan

 

तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद 2019 आम चुनाव को देखते हुए बीजेपी किसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है.अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार तेलंगाना मॉडल को आधार बनाते हुए किसान कर्ज़ माफी पर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है. रिपोर्ट यह भी कहती है कि चुनाव से पहले किसानों को लुभाने के लिए बीजेपी में बैठकों सिलसिला शुरू हो चुका है.

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बीते दिनों अहम बैठक की थी. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह भी मौजूद थे. नीति आयोग के सदस्य और कृषि विशेषज्ञ रमेश चंद की अध्यक्षता वाली इस बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दो और कर्ज माफी पर करीब ढाई घंटे मंथन चला.

रिपोर्ट का दावा है कि केंद्र सरकार कीमतों के अंतर की भरपाई के विकल्प, फसलों के दामों में अंतर को सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर करने, बीज,उर्वरक, कीटनाश तथा श्रम के खर्चों में मदद करने और ऐसे ही कई अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रही है.

बताया जा रहा है कि इस तरह की योजना की लागत लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए होगी और इसका वहन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा. बैठक में मौजूद कुछ सदस्यों ने केंद्र और राज्यों के बीच इस लागत को 70:30 अनुपात में विभाजित करने का सुझाव दिया. बैठक में ‘मूल्य अंतराल भुगतान योजना’ पूरी तरह लागू करने पर भी चर्चा की गई .

नीति आयोग के डॉयरेक्ट कैश ट्रांसफर (डीबीटी) प्रस्ताव के तहत, प्रत्येक किसान को अपनी फसल और बुवाई को निकटतम एपीएमसी मंडी के साथ पंजीकृत कराना होगा . यदि बाजार मूल्य न्यूनतम मूल्य की कीमत से नीचे गिरता है तो फसलों के दामों में आए अंतर का भुगतान सीधे-सीधे किसान के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा. वैसे, बार-बार ये बात सामने आती रही है के कई किसान अब भी आधार कार्ड से वंचित हैं, ऐसे में इस योजना को लागू कर पाना मोदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है.

बताया जा रहा है कि सरकार अन्य मंत्रालयों के साथ किसानों को लेकर आगे भी चर्चा कर सकती है. बता दें कि इससे पहले भी करीब एक दर्जन से ज्यादा बैठकों में किसानों की कर्ज़ माफ़ी और इससे जुड़े मुद्दे को लेकर चर्चा हुई है .

बहरहाल, बड़ा सवाल ये है कि कई सरकारी योजनाओं को ठीक ढंग से लागू कर पाने में विफल रह चुकी मोदी सरकार तेलंगाना राज्य की रयथू बंधु और डीबीटी योजना का क्या करती हैं .


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