गायब हुई आरएसएस पर प्रतिबंध के लगने और हटने की फाइलें!
1948-49 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऊपर लगे प्रतिबंध और अगले साल इसे हटाए जाने के मामले से जुड़ी फाइलों का अब पता नहीं लग रहा है. न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ की एक खबर के अनुसार दिल्ली स्थित आरटीआई एक्टिविस्ट वेंकटेश नायक द्वारा दाखिल की गईं आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है.
दरअसल वेंकटेश जब नैशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया में रिसर्च कर रहे थे, तब इस फाइल के बारे में उन्हें पता चला था. फाइल में मौजूद विषय सामग्री के बारे में उत्सुक होकर उन्होंने इसे उपलब्ध कराए जाने के लिए अर्जी दी. लेकिन स्टाफ ने उन्हें बताया कि यह फाइल उन्हें गृह मंत्रालय से ट्रांसफर नहीं की गई है.
इसके बाद वेंकटेश ने जुलाई 2018 में एक आरटीआई दाखिल करते हुए गृह मंत्रालय से दो मांगे की. पहली, 1948 में आरएसएस पर बैन लगाने के मामले से और दूसरी, 1949 में बैन हटाए जाने से जुड़ी फाइलों की प्रतिलिपि उन्हें उपलब्ध कराई जाएं. इसके साथ ही वेंकटेश ने 1948 में गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस की गतिविधियों का भी रिकॉर्ड भी मांगा.
वेंकटेश की आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी वी.एस. राणा ने छह जुलाई 2018 को कहा कि आरएसएस पर लगे प्रतिबंध के बारे में काई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
इसके बाद वेंकटेश ने 28 सितंबर 2018 को एक दूसरी आरटीआई दाखिल की. इस बार की आरटीआई में उन्होंने पहली आरटीआई और डिप्टी सेक्रेटरी के जवाब की प्रतिलिपि लगाई. इस बार वेंकटेश ने पूछा कि किसके अनुमोदन पर इन फाइलों को नष्ट किया गया.
अक्टूबर 2018 में नायक के पास जवाब आया. इस बार भी उन्हें जवाब मिला कि इस विषय में जानकारी मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है.
हालांकि अब वेंकटेश मुख्य सूचना आयुक्त के पास इस विषय में शिकायत दर्ज करने के बारे में सोच रहे हैं. उनका कहना है कि ये फाइलें अपनी ‘आर्काइवल वैल्यू’ की वजह से बहुत महत्वपूर्ण हैं और उन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए.