पूर्व सैन्य अधिकारी को विदेशी घोषित करने के मामले में पुलिस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर


fir against officer who used signature to prove veteran army officer as foreigner

 

असम में तीन व्यक्तियों ने असम बॉर्डर पुलिस के उस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसने उनके हस्ताक्षरों का प्रयोग पूर्व सैन्य अधिकारी और कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित करने के लिए किया.

मोहम्मद कुरबान अली, मोहम्मद सोभन अली और अजमल अली ने बोको पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर चंद्रमल दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. उन्होंने कहा कि वे कभी भी सब-इंस्पेक्टर से नहीं मिले.

चंद्रमल दास अब रिटायर हो चुके हैं. उन्होंने कथित तौर पर 2008 में सनाउल्लाह के खिलाफ इन तीनों के बयान रिकॉर्ड किए थे.

बाद में यह मामला फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल पहुंचा था. जहां 23 मई को सनाउल्लाह को विदेशी करार दिया गया.

कुरबान अली ने कहा कि उन्होंने सनाउल्लाह के खिलाफ किसी भी मामले में ना तो कोई बयान दिया और ना ही कोई हस्ताक्षर किए. बाकी दो ने भी कहा कि सनाउल्लाह के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए गलत तरीके से उनके हस्ताक्षर किए गए.

इन तीनों गवाहों और सनाउल्लाह के परिवारवालों का कहना है कि बॉर्डर पुलिस विदेशियों के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले असली भारतीय नागरिकों को निशाना बना रही है.

इससे पहले कामरूप जिले के अपर पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया ने बताया कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था.

उन्होंने बताया कि न्यायाधिकरण के फैसले के बाद पुलिस ने तय प्रक्रिया के अनुरूप कार्रवाई करते हुए सनाउल्लाह को गोलपाड़ा के हिरासत शिविर में भेज दिया.

शिविर में जाने से पहले सनाउल्लाह ने वहां इंतजार कर रहे पत्रकारों को बताया कि वह भारतीय नागरिक हैं और उनके पास नागरिकता से संबंधित सारे कागजात हैं.

सनाउल्लाह ने बताया कि उन्होंने सेना में शामिल होकर तीस साल (1987-2017) तक इलेक्ट्रोनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर विभाग में सेवाएं दी हैं.

उन्हें 2014 में राष्ट्रपति की तरफ से पदक भी मिल चुका है. वह बीते साल से सीमा पुलिस में बतौर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं.


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