नागरिकता कानून : पश्चिम बंगाल के बेलडांगा रेलवे स्टेशन में आगजनी, आरपीएफ जवानों पर हमला
असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में कमी देखी गई जिसके बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई. लेकिन इस आंदोलन की आग पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है. पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ और प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प की खबरें हैं.
असम के डिब्रूगढ़ और मेघालय की राजधानी शिलांग में लागू कर्फ्यू में ढील दी गई लेकिन पश्चिम बंगाल में इस कथित विभाजनकारी कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेलडांगा रेलवे स्टेशन परिसर में आग लगा दी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जवानों पर हमला किया.
पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होगा कानून : बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ मुखर आवाज मानी जाने वाली ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि राज्य में यह कानून लागू नहीं होगा.
पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के बाद मध्य प्रदेश भी संशोधित नागरिकता कानून को लागू करता नहीं दिख रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नई दिल्ली में कहा कि यह केंद्र सरकार की ”भटकाने की राजनीति” का हिस्सा है ताकि लोगों का ध्यान आर्थिक सुस्ती से भटकाया जा सके.
इस बीच, गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने दिल्ली में कहा कि राज्यों को संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत बने कानून को खारिज करने का अधिकार नहीं है.
पूर्वोत्तर के राज्यों में सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल में हावड़ा, मुर्शिदाबाद, बीरभूम, बर्दवान और उत्तरी बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
बेलडांगा स्टेशन पर आगजनी की घटना के बाद आरपीएफ के अधिकारी ने बताया, ” स्टेशन के हिस्से, आरपीएफ की चौकियों और पटरियों को आग के हवाले कर दिया गया जिसकी वजह से यहां रेल सेवा बाधित हुई.”
बेलडांगा पुलिस थाने में तोड़फोड़
अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने बेलडांगा पुलिस थाने में तोड़फोड़ की और मुर्शिदाबाद के रघुनाथगंज पुलिस थाना क्षेत्र में वाहनों में आग लगा दी.
अतिरिक्त पुलिस जवानों को प्रभावित इलाके में भेजा गया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति की अपील की है.
पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में प्रदर्शन के चलते रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ.
बाहरी शांति के बावजूद असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ गुस्सा है. उग्रवादी संगठन उल्फा के दोनों धड़ों (सरकार से बातचीत के समर्थक और विरोधी)ने कानून का विरोध किया है.
ममता बनर्जी ने राजधानी कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर समुद्र तटीय शहर दीघा में कहा, हम कभी भी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता कानून को बंगाल में नहीं आने देंगे. हम संशोधित कानून को लागू नहीं करेंगे, भले ही इसे संसद ने पारित किया है. भाजपा राज्यों को इसे लागू करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती.”
उन्होंने कहा, ”नागरिकता कानून भारत को विभाजित करेगा. जब तक हम सत्ता में हैं, राज्य के एक भी व्यक्ति को भी देश नहीं छोड़ना पड़ेगा.”
बनर्जी ने जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो आबे की भारत यात्रा रद्द होने का संदर्भ देते हुए इसे देश पर ”धब्बा” करार दिया.