केरल: अगस्त्यकूडम चोटी पर पहुंची पहली महिला
रक्षामंत्रालय की प्रवक्ता धन्या सनाल केरल की अगस्त्यकूडम चोटी पर चढ़ने वाली पहली महिला बन गई हैं. पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस चोटी पर महिलाओं को चढ़ने की मनाही थी. बीते नवंबर 2018 में केरल हाई कोर्ट ने इसे महिलाओं के लिए खोल देने का आदेश दिया था.
इस आदेश के बाद धन्या ने इस चोटी पर चढ़ाई की है. वे केरल के तिरुवंतपुरम् में तैनात हैं.
एक हजार आठ सौ मीटर से अधिक ऊंची ये चोटी नेय्यार वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में स्थित है. इसी पहाड़ी के निचले इलाके में रहने वाली काड़ी जनजाति महिलाओं के चोटी पर जाने का विरोध करती है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद से ये जनजाति लगातार इसके विरोध में प्रदर्शन कर रही है.
चोटी पर पहुंचने के बाद सनाल ने कहा, “मैंने पूरी दूरी पगडंड़ी के सहारे तय की, इस दौरान मैंने प्रतिबंधित क्षेत्र में कदम नहीं रखा ताकी आदिवासियों की भानवाएं आहत ना हों.”
इससे पहले वन विभाग ने ट्रेकर्स को सुबह सात बजे बेस कैंप पहुंचने को कहा था. इसके बाद इनको बीस-बीस लोगों के पांच समूहों में बांट दिया गया था. पहले समूह ने सुबह करीब साढ़े आठ बजे चढ़ाई शुरू की थी. ट्रेकर्स की शुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला गार्डस को तैनात किया गया था.
ये चोटी बेस कैंप से करीब छह किलोमीटर है. हाई कोर्ट के आदेश से पहले महिलाओं को बेस कैंप से आगे नहीं जाने दिया जाता था.
केरल में सबरीमला को लेकर भी कुछ इसी तरह का विवाद चल रहा है. लेकिन अगस्त्यकूडम के मामले में काड़ी जनजाति चोटी पर महिलाओं के चढ़ने का विरोध कर रही है. इनका विश्वास है कि चोटी पर अगस्थ्य साधु का निवास है. ये मानते हैं कि महिलाओं के ऊपर जाने से साधु का ब्रहम्चर्य नष्ट हो जाएगा.