चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में ही बजट अनुमान के 132 प्रतिशत पर पहुंचा राजकोषीय घाटा


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चालू वित्त वर्ष में राजस्व के संग्रह की धीमी गति के कारण राजकोषीय घाटा दिसंबर तक में ही पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य के 132.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली.

महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में राजकोषीय घाटा यानी खर्च और प्राप्तियों का अंतर 9,31,725 करोड़ रुपये पर रहा.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 7,03,760 करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य तय किया था.

वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीने में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 112.4 प्रतिशत रहा था.

महालेखा नियंत्रक के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक सरकार को 11.46 लाख करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्त हुए हैं जो बजट अनुमान का महज 58.4 प्रतिशत है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 62.8 प्रतिशत रहा था.

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य अवधि के दौरान चालू वित्त वर्ष में कुल खर्च 21.09 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 75.7 प्रतिशत रहा. पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में यह बजट अनुमान का 75 प्रतिशत रहा था.

चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में कुल खर्च में पूंजीगत खर्च बजट अनुमान का 75.6 प्रतिशत रहा. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 70.6 प्रतिशत रहा था.


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