सोनिया गांधी बनीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष


Sonia Gandhi has been elected as Chairperson of Congress Parliamentary Party

 

यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस की नई अध्यक्ष हैं. सीडब्लूसी (कांग्रेस कार्य समिति) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से चिंताजनक खबरें आ रही हैं और वहां के हालात के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को पूरी पारदर्शिता के साथ बताना चाहिए.

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से बाहर आकर गांधी ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर से जो खबरें आ रही हैं वो चिंताजनक हैं. खबरें आ रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में हालात खराब हो गए हैं. प्रधानमंत्री देश को बताएं कि जम्मू-कश्मीर में हालात क्या है? उन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ देश को इस बारे में बताना चाहिए. ’’

उन्होंने कहा कि कश्मीर में बिगड़े हालात के बीच हमने अपना विमर्श रोक दिया है… यह ज्यादा जरूरी है कि प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में क्या हो रहा है.”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक अब भी जारी है. मुझे विशेष तौर पर इसलिए बुलाया गया था क्योंकि जम्मू कश्मीर पर बहस हो रही थी.

कांग्रेस अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सीडब्लूसी ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष बनने का अनुरोध करने का फैसला लिया है. नियमित अध्यक्ष के लिए चुनाव को स्थगित रखा गया है.

वेणुगोपाल ने कहा कि सीडब्लूसी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने से मना कर दिया है.

सीडब्लूसी ने कश्मीर से आ रही समाचार पर पाबंदी, भारतीय राजनीतिज्ञों की गिरफ्तारी और नजरबंदी संबंधी रिपोर्ट सहित कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पार्टी नेताओं की परामर्श बैठकों में यह आम राय बनी कि राहुल गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए, हालांकि गांधी ने सीडब्ल्यूसी बैठक में पहले ही स्पष्ट कर दिया कि वह अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार नहीं करेंगे. सीडब्लूसी की बैठक में राहुल गांधी के इतर किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाने के बाद कांग्रेस नेताओं को पांच अलग-अलग पांच जोन में बांटकर कांग्रेस अध्यक्ष के नाम के लिए परामर्श देने को कहा गया था.

सूत्रों के मुताबिक इन सभी पांच परामर्श बैठकों में नेताओं के बीच सर्वसम्मति से यह राय बनी कि गांधी ही कांग्रेस का नेतृत्व कर सकते हैं और उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए.

नए अध्यक्ष को लेकर सुबह हुई सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद नेताओं ने पांच अलग-अलग समूहों में मंथन किया. जिसके बाद इन समूहों के परामर्श की रिपोर्ट के आधार पर सीडब्ल्यूसी रात आठ बजे बैठक हुई.

इस बीच, पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी ने नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है.

सीडब्ल्यूसी के नेताओं ने पांच अलग अलग समूहों- पूर्वोत्तर क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, उत्तर क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र- में बांटकर प्रदेश अध्यक्षों, राष्ट्रीय सचिवों तथा कई अन्य पदाधिकारियों के साथ परामर्श बैठकें कीं तथा उनकी राय ली.

पूर्वोत्तर क्षेत्र के समूह में अहमद पटेल, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद और कई अन्य वरिष्ठ नेता, पूर्वी क्षेत्र के समूह में केसी वेणुगोपाल, कुमारी शैलजा, तरुण गोगोई और कई अन्य वरिष्ठ नेता, उत्तरी क्षेत्र वाले समूह में प्रियंका गांधी वाड्रा, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कई अन्य वरिष्ठ नेता, पश्चिमी क्षेत्र के समूह में एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य वरिष्ठ नेता तथा दक्षिणी क्षेत्र के समूह में मनमोहन सिंह, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा तथा कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे.

सीडब्ल्यूसी की पहले दौर की बैठक के बाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों ने राहुल गांधी से अध्यक्ष बने रहने और नेतृत्व करने का सहमति से आग्रह किया. उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि आज जब मौजूदा सरकार संवैधानिक प्रावधानों, नागरिकों के अधिकारों और संस्थाओं पर आक्रमण कर रही है तो ऐसे समय मजबूत विपक्ष के लिए और कांग्रेस को नेतृत्व देने के लिए राहुल गांधी उपयुक्त व्यक्ति हैं.”

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गांधी ने अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार किया और कहा कि सीडब्ल्यूसी के सदस्यों और दूसरे नेताओं से नए अध्यक्ष को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया जाए.’’

उधर, बैठक से बाहर निकलने के बाद सोनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नया अध्यक्ष तय करने के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई है. मैं और राहुल इसका हिस्सा नहीं हो सकते। मेरा नाम बैठक के लिए गलती से शामिल हो गया था.’’

दरअसल, इस्तीफा देते समय राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि गांधी परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बनेगा और वह इसके चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे.

सोनिया गांधी और राहुल गांधी के चयन की प्रक्रिया से अलग होने के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि दोनों शीर्ष नेताओं ने यह फैसला किया ताकि किसी की राय पर उनका प्रभाव नहीं पड़े.

सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे , राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य नेता शामिल हुए.

पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट सहित कई वरिष्ठ एवं युवा नेताओं के नामों की चर्चा है.

वैसे, अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के कई नेता प्रियंका के नाम की पैरवी कर चुके हैं.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था, हालांकि गांधी अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा.


Big News