वित्त मंत्री के पति ने ही सरकार की आलोचना की
आर्थिक मंदी की बात से मुंह फेरने वाली मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति पराकला प्रभाकर ने देश में आर्थिक मंदी की बात को स्वीकारा है.
प्रभाकर ने अखबार ‘द हिंदू‘ में छपे अपने लेख में कहा कि बीजेपी ने अबतक के अपने दोनों कार्यकाल में केवल नेहरू पर राजनीतिक हमले किए और पार्टी अर्थव्यवस्था का अपना मॉडल और समझ विकसित करने में विफल रही है.
लेख में उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक सुस्ती है और लोग इसे लेकर चिंतित हैं. प्रभाकर ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के जारी डेटा से पता चल रहा है कि उनकी स्थिति खस्ताहाल है. लेकिन, सरकार इसे मानने के बजाय लगातार नकार रही है.
उन्होंने विभिन्न आर्थिक पैमानों का हवाला दिया और लिखा कि ‘निजी खपत अपने 18 तिमाहियों के निचले स्तर पर पहुंचकर 3.1 फीसदी रह गई है. बेरोजगारी 45 सालों में सबसे अधिक है. जीडीपी विकास दर 6 सालों में सबसे निचले स्तर पर है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह घटकर 5 फीसदी रह गई. शुद्ध निर्यात में बढ़ोतरी नहीं हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले खपत दोगुनी तेजी से कम हुई है.’
वो लिखते हैं कि ‘भारतीय जनसंघ ने अपने पहले दिन से ही नेहरू के समाजवादी तौर-तरीकों को नकारा है. लेकिन बीजेपी ने अस्तित्व में आने के बाद से केवल ‘नेती, नेती’ की नीति अपनाई और पार्टी अपना आर्थिक ढांचा तैयार करने में विफल रही है.’
प्रभाकर ने अपने लेख में 1991 में कांग्रेस द्वारा लाए गए उदारीकरण का हवाला देते हुए पार्टी को सुझाव दिया कि उसे ‘राव-सिंह के आर्थिक ढांचे’ से मदद लेनी चाहिए, जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे और मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे.
पराकला प्रभाकर एक राजनीतिक अर्थशास्त्री और संचार रणनीतिज्ञ हैं. उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार में बतौर संचार सलाहकार जुलाई 2014 से जून 2018 तक अपनी सेवा दी है.