पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल पर जताया एतराज


former cic asking president to return rti amendment bill in an online petition

 

सेना के 156 रिटायर्ड अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सेना के राजनीतिक इस्तेमाल पर विरोध जताया है. इन अधिकारियों ने सैन्य बलों के मुखिया यानी राष्ट्रपति से कहा है कि वे सभी पार्टियों को तुरंत निर्देश दें कि वे सेना या उसकी किसी कार्रवाई का राजनीतिक इस्तेमाल ना करें.

इस पत्र में कहा गया है कि हमें इस बात से सख्त एतराज है कि सैन्य कार्रवाईयों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. राजनेता सीमा-पार की सैन्य कार्रवाई को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. इस पत्र में कहा गया है कि यहां तक कि सैन्य बलों को ‘मोदी की सेना’ कहा जा रहा है.

हालांकि इस पत्र में किसी भी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिखा गया है. इस बीच चुनावी भाषणों में लगातार सेना का नाम सुनाई देता रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते मंगलवार को एक चुनावी जनसभा में कहा था कि पहला वोट सेना के नाम पर दें. मोदी ने ये अपील पहली बार वोट करने जा रहे नौजवानों से की थी.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय सेना को मोदी की सेना कह चुके हैं.

पत्र लिखने वालों में कुछ बहुत ही मशहूर और चर्चित हस्तियों के नाम शामिल हैं. इनमें जनरल एसएफ रोड्रिगेज, जनरल शंकर रॉय चौधरी, जनरल दीपक कपूर, एडमिरल लक्ष्मीनरायण रामदास, एडमिरल विश्णु भागवत आदि के नाम शामिल हैं.

इन अधिकारियों ने राष्ट्रपति से सेना के धर्मनिरपेक्ष और अराजनीतिक स्वरूप को सुनिश्चित करने की अपील की है.


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