सपने पूरे नहीं करने पर जनता पिटाई भी करती है: गडकरी
केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा है कि सपने पूरा नहीं होने पर जनता ‘पिटाई’ भी करती है. हालांकि उन्होंने कहा कि वह सपने दिखाने वालों में से नहीं हैं.
उन्होंने कहा, “सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है. इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सके…मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं. मैं जो बोलता हूं वह सौ फीसदी डंके की चोट पर पूरा करता हूं.”
इससे पहले एक विवादित इंटरव्यू के दौरान उन्होंने मोदी सरकार की ओर से खोखले वादे करने का भी जिक्र किया था. एक चैनल को दिए इंटरव्यू में मराठी में उन्होंने कहा था कि हमें इस बात का पूरा भरोसा था कि हम सत्ता में नहीं आएंगे. इसलिए बड़े-बड़े वादे करने की सलाह दी गई थीं.
अभी हाल में नितिन गडकरी ने पार्टी लाइन से अलग स्टैंड लेते हुए इंदिरा गांधी और नयन तारा सहगल की भी तारीफ की थी. इसे लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई गई थीं.
ऐसा माना जा रहा है कि गडकरी अपने लिए पार्टी के भीतर एक उदार और स्वीकार्य छवि तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं.
गडकरी ने 22 दिसंबर को कथित रूप से कहा था, “नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.” गडकरी की यह कथित टिप्पणी हाल में सम्पन्न मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद आई थी.
इसके बाद से बीजेपी में पार्टी के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी को लेकर बहस शुरू हो गई थी. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता संघप्रिय गौतम ने नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री बनाने की मांग भी कर डाली थी.