अफ्रीकी देश घाना में महात्मा गांधी के विचारों पर विवाद


gandhi statue removed in ghana

 

अफ्रीकी देश घाना में महात्मा गांधी के विचारों को लेकर विवाद चल रहा है. कुछ समय पहले घाना के कुछ छात्र समूहों ने गांधी को नस्लवादी करार दिया था. वे वहां के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में लगी गांधी की प्रतिमा को हटाने के लिए अभियान चलाया था. छात्रों के विरोध के बाद प्रतिमा को हटा दिया गया था.

दो साल पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दोनों देशों के बीच के संबंधों के प्रतीक के रूप में अक्रा के घाना विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था.

विरोध करने वालों की शिकायत थी कि अश्वेत अफ्रीकी लोगों के खिलाफ गांधी नस्लवादी थे. गांधी के उस कथन का हवाला देते हुए उनकी प्रतिमा को हटाए जाने का आह्वान किया था, जिसमें दावा किया गया है कि अश्वेत अफ्रीकी लोगों की तुलना में भारतीय “श्रेष्ठ” हैं.

प्रतिमा हटाये जाने के लिए ऑनलाइन विरोध अभियान शुरू किया गया था. इसके लिए सबसे पहले ऑनलाइन एक याचिका दी गई थी. इसमें 1893 में दक्षिण अफ़्रीका के नटाल पार्लियामेंट को लिखे पत्र का भी उल्लेख किया गया था, जिसमें दावा किया गया है कि गांधी ने लिखा था कि ब्रितानी उपनिवेश में ऐसी धारणा है कि अफ्रीका के असभ्यों और आदिवासियों से भारतीय कुछ बेहतर हैं.

अफ्रीकी अध्ययन संस्थान में भाषा, साहित्य और नाटक के प्रमुख ओब्देल कम्बॉन ने कहा कि प्रतिमा हटाये जाने का मुद्दा आत्म-सम्मान का मामला था.

प्रतिमा हटाए जाने के विरोध में महात्मा गांधी की पौत्री की अगुवाई वाले समूह समेत दक्षिण अफ्रीका के कई गांधीवादी समूहों ने अपना विरोध जताया. इन समूहों ने गांधीजी के खिलाफ नस्लवाद के आरोपों पर भी कड़ा ऐतराज जताया.
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