चुनावी विज्ञापनों में पारदर्शिता बढ़ाएगा गूगल


Google to increase transparency in electoral ads

 

डिजिटल माध्यमों पर आने वाले चुनावी विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिहाज से गूगल की इस पहल को काफी अहम माना जा सकता है. गूगल ने कहा है कि देश में इस साल होने वाले आम चुनाव से पहले वह चुनावी विज्ञापन में पारदर्शिता लाने के लिए भारत केन्द्रित एक ‘राजनीतिक विज्ञापन पारदर्शिता रिपोर्ट’ और एक सार्वजनिक ऑनलाइन राजनीतिक विज्ञापन लाइब्रेरी शुरू करेगा.

गूगल का दावा है कि इससे गूगल पर चुनावी विज्ञापन खरीदने वाले और खर्च की गई रकम के बारे में विस्तृत सूचना मिल सकेगी. इस रिपोर्ट और विज्ञापन लाइब्रेरी की शुरुआत मार्च 2019 में होगी जिससे मतदाताओं को विज्ञापन के खर्च से जुड़ी सभी सूचनाएं मिल जाएंगी.

इसके अलावा गूगल ने अपने प्लेटफॉर्म पर चुनावी विज्ञापन के लिए एक नीति भी बनाई है. इस नीति के तहत, गूगल पर चुनावी विज्ञापन देने के लिए विज्ञापनदाताओं को निर्वाचन आयोग से एक ‘प्री-सर्टिफिकेट’ लेना होगा. इसके अलावा गूगल विज्ञापन देने वालों की पहचान को भी जांचेगा.

राजनीतिक दलों, कारोबारियों, गैर-सरकारी संगठनों और लोगों की पहचान की ये जांच प्रक्रिया 14 फरवरी से शुरू होगी.

हाल में डिजिटल माध्यमों पर दिए जाने वाले चुनावी विज्ञापनों में पारदर्शिता को लेकर बहस तेज हुई है. फेसबुक भी राजनीतिक विज्ञापन देने वालों की पहचान जाहिर करने को अनिवार्य बनाने की बात कह चुका है.


Big News