राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी सरकार: आर्थिक सलाहकार परिषद प्रमुख
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद प्रमुख ने आर्थिक विकास को गति देने और मांग को बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा व्यक्तिगत आयकर में कमी लाने की संभावना जताई है. आर्थिक विकास की दर छह साल के न्यूतनतम स्तर पर पहुंच गई है.
आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने कहा कि सरकार जीडीपी के 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटा लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी. यह पहला मौका है जब सरकार के किसी व्यक्ति ने लक्ष्य से चूकने की बात स्वीकार की है.
न्यूज वेबसाइट द वायर को दिए इंटरव्यू में देबरॉय ने पत्रकार करण थापर को कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के मद्देनजर व्यक्तिगत आयकर में कटौती हो सकती है. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कमी आई है तो सरकार या वित्त मंत्री देर सवेर आयकर में कटौती करेंगे.
देबरॉय ने आर्थिक सुस्ती के लिए जीएसटी और वैश्विक सुस्ती को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा कि फरवरी में बजट की घोषणा के बाद विकास दर घटी है जिसकी वजह से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा कितना होगा यह मुझे नहीं पता है लेकिन यह अपने लक्ष्य(3.3 फीसदी) तक नहीं पहुंचेगा.
देबरॉय ने कहा कि मुझे लगता है कि जीएसटी ने विकास दर को कम किया है और यह अब भी जारी है.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी का प्रभाव एक तिमाही से ज्यादा नहीं रहा लेकिन जीएसटी का प्रभाव लंबे समय तक बना रहा है.
उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स में कमी से निवेश पर प्रभाव पड़ने से इनकार किया.